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सतनाः ये है जिले की स्पेशल मिठाई, देश में होती है यहीं से सप्लाई

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Mar 2, 2018

सतना। होली रंगों का त्यौहार है। होली पर दोस्ती बढ़ाने और दुश्मनी खत्म करने के लिए इसकी शुरुआत रंगों से होती है। आपस में सभी घुल मिल कर इस त्योहार को मनाते हैं।साथ ही दोस्तों और परिजनों को मिठाई खिलाकर इस त्यौहार का स्वागत करते हैं।

दूध और शक्कर से बनती है ये स्पेशल मिठाई...

यही वजह है कि त्यौहार आते ही पकवानों की खुशबू त्यौहार की खुशियो को दुगना कर देती है। हर इलाके में मिठाइयां कुछ अलग पहचान रखती हैं, वैसे ही सतना जिले के रामपुर तहसील में कई वर्षो से एक ही मिठाई का न सिर्फ इस इलाके में चलन में है बल्कि यहाँ से गुजरने वाले हर किसी के दिल में अनूठे स्वाद की पहचान बन गयी है। जी हाँ ये मिठाई किसी खोवे की नहीं बल्कि दूध और शक्कर से बनती है, जिसे इस क्षेत्र के लोग वर्षों से बना रहे हैं।

खुरचन नाम से जानते हैं लोग...

कड़ाहे में महज दूध और शक्कर से बना ये पकवान जिसे खुरच कर निकाला जाता है, इस लिए इसे खुरचन नाम से जाना जाता है। जो न सिर्फ क्षेत्र की लोकप्रिय मिठाई है बल्कि नेशनल हाइवे से लगे होने के कारण दूर राज्यों और देशों तक अब ये पकवान पहुंच रहा है। वर्षों से बनता आ रहा यह ये खुरचन अब यहाँ के लोगों की न सिर्फ पहचान है, बल्कि मुख्य व्यवसाय बन चुका है।हर घर से प्रतिदिन 2 से 3 कुंटल बिकने वाला ये पकवान त्योहारों में 300 से 400 किलो बिकता है।

अन्य देशों में भी जाता है...

ये पकवान भारत के अलावा अन्य देश भी यही से जाता है। रामपुर बघेलान इस पकवान की मण्डी मानी जाती है।ये अनोखा पकवान सतना जिले की इस तहसील में पिछले 60 वर्षों से बनाया जाता है। ये पकवान दूध और पिसी हुई शक्कर से बन कर तैयार होता है जो तैयार होने के बाद खुरचन बन जाता है। ये खुरचन प्रदेश के साथ साथ अन्य प्रदेशों में भी मशहूर है।मध्यप्रदेश की सीमा से लगे उत्तरप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र , हरियाणा , दिल्ली सहित विदेश में भी इसकी पहुंच है। ये पकवान यहां 12 महीने बिकता है। लेकिन त्योहारों में इसकी मांग की पूर्ति करना मुश्किल होता है, क्योकि ये शुद्ध दूध से बनता है।

200 से 300 रुपये किलो तक बिकता है...

विशेष त्यौहार में हजारों कुंटल दूध की खपत सिर्फ खुरचन बनाने के लिए होती है क्योंकि ये लोगों की पहली पसंदीदा मिठाई है। 200 से 300 रुपये किलो में बिकने वाला खुरचन यहां के लोगों की जीविका का एक बड़ा साधन भी है।