Mar 28, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर अपराधियों के मंसूबों पर लगाम लगाने के लिए आज उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (यूपीकोका) बिल पेश कर दिया है यह बिल यूपी विधानसभा में आज पारित किय गया है इस बिल के कानून बनते ही यूपी में अपराध और आपराधिक घटनाओं पर तेजी से अंकुश लगाया जाएगा। इस नए बिल के तहत श्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी, तस्करी, अंडरवर्ल्ड और जबरन वसूली जैसे तमाम अपराधों को शामिल किया गया है।
भारत में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र के बाद अब दूसरा ऐसा राज्य बन चुका है, जहां इस सख्त कानून को लागू किया जाने की तैयारी चल रही है इसके लिए प्रारंभिक कदम उठा लिया गया है उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (यूपीकोका) के तहत इन निम्लिखित प्रावधानों को शामिल किया गया है
1. कोई भी व्यक्ति अगर संगठित रूप में किसी अपराध को अंजाम देता है, तो उस पर इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
2. इस कानून के तहत किसी भी मामले में गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को 6 माह से पहले जमानत पर नहीं छोड़ा जाएगा।
3.यूपीकोका के तहत किसी भी अपराधी पर तब ही मामला दर्ज होगा, जब वह दो आपराधिक मामलों में संलग्न होगा।
4.इस कानून के तहत अपराधी को कम से कम 5 वर्ष की सजा मिलेगी. साथ ही फांसी भी दी जा सकती है।
5. राज्य स्तर पर ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग गृह सचिव द्वारा की जाएगी।
5. यदि कोई संगठित अपराध जिला स्तर पर होता है, तब उसकी रिपोर्ट कमिश्नर और डीएम देंगे।
बता दें संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) के विधान परिषद में पास न हो पाने के बाद यूपी सरकार ने आज विधानसभा में एक बार फिर इस बिल को पेश किया गया था इस विधेयक को विधानमण्डल के निचले सदन में पिछली 21 दिसम्बर को पारित किया जा चुका था।
बाद में इसे विधान परिषद में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था। वहां से लौटाने के बाद गत 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था। सरकार का दावा है कि इस कानून के आने से अंडरवर्ल्ड, वेश्यावृत्ति, अपहरण, जबरन वसूली, जबरन कब्जे, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे संगठित अपराधों पर लगाम कसेगी।