Jan 21, 2024
देशवासियों की अयोध्या में रामलला की पूजा करने की सदियों पुरानी इच्छा अब पूरी हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बिना मूर्ति पूजा अधूरी मानी जाती है। आज प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी तो भगवान श्री राम की मूर्ति की आंखों पर बंधी पट्टी भी हटा दी जाएगी. राम मंदिर को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. राम मंदिर से जुड़े कई सवाल भी हैं जिनके जवाब आप भी जानना चाहेंगे. तो आइए जानते हैं राम मंदिर से जुड़ी अहम जानकारी... 22 जनवरी को 84 सेकेंड के शुभ मुहूर्त में रामलला का निधन हो गया. अनुष्ठान दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट के बीच पूरा किया गया. राम मंदिर की लंबाई, चौड़ाई कितनी है? राम मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। इस तीन मंजिला मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है, जिसमें 44 द्वार और 366 खंभे हैं। इनमें से 14 द्वारों से सोना लौटा दिया गया है। राम मंदिर परिसर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है, जिसमें से 57,000 वर्ग फीट में राम मंदिर है.
राम मंदिर में दर्शन का समय क्या होगा?
आप सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक राम मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
राम मंदिर में आरती का समय क्या होगा?
राम मंदिर में तीन बार सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे रामलला समेत अन्य देवी-देवताओं की आरती की जाएगी.
भगवान राम की पुरानी मूर्ति का क्या किया जाएगा?
गर्भगृह में भगवान राम की नई मूर्ति के साथ-साथ पुरानी मूर्ति की भी प्रतिष्ठा की जाएगी.
कब होगा रमला का सूर्यतिलक?
रामनवमी के दिन भगवान श्री राम को सूर्य तिलक दिया जाएगा. दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के माथे पर पड़ेंगी, जिन्हें सूर्यतिलक कहा जाता है।
राम मंदिर का प्रवेश द्वार किस दिशा में है?
सूर्य को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में रखा गया है।
भगवान श्री राम की मूर्ति किसने डिजाइन की थी?
भगवान श्री राम की मूर्ति को कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने डिजाइन किया है।
राम मंदिर किस सामग्री से बना है?
राम मंदिर के निर्माण में लौह-इस्पात का उपयोग नहीं किया गया. पूरा मंदिर पत्थरों से बना है।
राम मंदिर बनाने में ईंटों का भी इस्तेमाल नहीं हुआ?
ईंटों का इस्तेमाल किया गया है और हर ईंट पर श्री राम का नाम लिखा हुआ है.
मंदिर परिसर में और कौन-कौन से देवी-देवता हैं?
राम जन्मभूमि परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा सात अन्य मंदिर निर्माणाधीन हैं। इसमें भगवान राम के गुरु ब्रह्मर्षि वशिष्ठ, ब्रह्मर्षि विश्वामित्र, ब्रह्मर्षि वाल्मिकी, अगस्त्य मुनि, रामभक्त केवट, निषादराज और माता शबरी के मंदिर शामिल हैं। निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर और परिसर की अन्य विशेषताएं क्या हैं?
- राम मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान श्री राम का दरबार
- 20X20 फीट का अष्टकोणीय आकार का गर्भगृह
- मुख्य गर्भगृह में भगवान राम का बाल रूप
- पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार, 32 सीढ़ियाँ चढ़कर सिंहद्वार
- मंदिर के चारों तरफ चौकोर आकार में मंदिर तक जाने वाली सड़क
- परकोटा के नाम से जानी जाने वाली संरचना 732 मीटर लंबी, 14 फीट चौड़ी है
- चार परकोटों पर सूर्य, मां भगवती, गणपति और शिवजी के मंदिर
- उत्तर में अन्नपूर्णा और दक्षिण में हनुमानजी का मंदिर
- दक्षिण-पश्चिम में नवरत्न कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति
- मंदिर में पाँच मंडप- नृत्य, रंग, मिलन, प्रार्थना और कीर्तन