Jul 5, 2017
बलरामपुर : जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण एक अनोखी पहल कर एक बार फिर से सुर्ख़ियो में हैं। जी हां इस बार उन्होंने अपनी पांच वर्षीय बेटी का दाखिला सरकारी स्कूल में करा कर प्रदेश के सभी आईपीएस, आईएएस और ए ग्रेड के अधिकारियों के लिये एक संदेश दे दिया हैं कि अगर अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला ले तो निश्चित ही सरकारी स्कूलों में पढाई का स्तर अपने आप ही सुधर जायेगा।
सरल और सीधे स्वभाव के वजह से पहचाने जाने वाले जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने पहले अपनी छोटी सी बच्ची को सरकारी आंगनबाड़ी में दाखिला दिला कर पहले ही सुर्खिया बटोर चुके हैं और अब अपनी पांच साल की बेटी की प्राथमिक स्तर की पढ़ाई के लिये प्रज्ञा प्राथमिक विद्यालय को चुना हैं। संसाधनों के अभाव के वजह से जूझ रहे बलरामपुर जिले में शिक्षा में सुधार लाने के लिये कलेक्टर ने कई काम किये हैं और यही वजह हैं कि बलरामपुर जिले में उड़ान और पहल को लेकर समूचे छत्तीसगढ़ में अपना स्थान बनाया हैं। जिसकी प्रसंशा खुद सूबे के मुखिया ने भरे मंच में किया हैं। जिस तरह से जिले में संसाधनों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों की पढ़ाई स्तरहीन थी, इसी वर्ष बीते शैक्षणिक सत्र में जिले में 10 वीं और 12 वीं का रिजल्ट खराब आने की वजह सभी प्राचार्यो पर जिला शिक्षा अधिकारी की गाज गिरी थी। ऐसे में कलेक्टर ने अपनी बच्ची की प्राथमिक पढाई के लिए एक सरकारी स्कूल को चुना हैं तो निशचित तौर से उन्होंने पढ़ाई का स्तर सुधारने का एक चैलेन्ज स्वीकार किया कर लिया हैं। कलेक्टर साहब की इस अनोखी पहल से अब लगता है कि सरकारी स्कूलों की पढ़ाई पर उठ रही सवालियां उंगलियां अब थम जाएगी। जाहिर हैं कि जिस स्कूल में जिले के कलेक्टर के बच्चे पढ़ेंगे उस स्कूल के शिक्षा का स्तर खुद-ब-खुद सुधर जायेगा। अब जरुरी हैं कि बाकी अधिकारी भी इससे कुछ सीख लें और जिले की सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधार की और अपनी भागीदारी भी सुनिचित करें।