Jul 10, 2017
कांकेर : पुलिस के अधिकारियों के द्वारा अंदरूनी क्षेत्रो के ग्रामीणों को अक्सर नक्सल अभियान में पुलिस का सहयोग करने कहा जाता हैं, लेकिन शुक्रवार दोपहर नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा क्षेत्र के बोड़ागांव कैम्प के जवानों के द्वारा की गई हरकत बया कर रही है कि ग्रामीण पुलिस से क्यों ख़ौफ़ खाते हैं और उनसे दूरी बनाते हैं। आमाबेड़ा के युवा मुर्गा व्यवसायी ने तरंदुल बाज़ार में बकरा देने से इनकार कर दिया तो बोड़ागांव कैम्प के जवानों ने 4 घंटे कैंप में बैठाये रखा और उसकी बेरहमी से पिटाई भी कर दी। घटना शुक्रवार दोपहर की हैं। मिली जानकारी के अनुसार आमाबेड़ा का युवा मुर्गा व्यवसायी तुषार कुमार अपने साथी संपत के साथ तरंदुल बाज़ार में मुर्गा बेचने अपनी पिकअप क्रमांक सीजी 19 बी ई 5016 से गया था। जहां अपनी भतीजी के छट्टी कार्यक्रम के लिये उसने एक बकरा 45 सौ रुपये में खरीदा था। उसी दौरान बोड़ागांव कैंप के दो जवान उसके पास आये और बकरा मांगने लगे, लेकिन तुषार ने पारिवारिक कार्यक्रम के लिये बकरा खरीदने की बात कहते हुये देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद कैंप के जवान ताव में आ गये और युवक की दुकान तत्काल बन्द करा दी। जिसके बाद समान समेट कर वापस जा रहे युवक और उसके साथी को बोड़ागांव कैंप के सामने जवानों ने रोक लिया और उसके साथ मारपीट की। यही नही उसे 4 घंटे तक कैंप में बैठाये रखा। उसी बीच कैंप प्रभारी भी वहां आ गये और उन्होंने ने भी लात घुसे से युवक की बेरहमी से पिटाई करते हुये उसकी पिकअप वाहन की आरसी बुक छीन ली। पीडित युवक ने गांव पहुंच कर इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। जिसके बाद आज पीड़ित अपने परिवार के साथ पुलिस अधीक्षक के पास मामले की शिकायत लेकर पहुंचा।