Nov 27, 2016
रायपुर। कस्टम मिलिंग की दर बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर अड़े राइस मिलर्स के आंदोलन के 17वें दिन शनिवार से सरकार ने सख्ती शुरू कर दी। राज्यभर में राइस मिलों में ताबड़तोड़ छापे के बाद 27 मिलों को सील और 290 मिलरों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। रायपुर में 14 मिलों की बिजली काट दी गई। अभी 26 और की बिजली काटी जाएगी। कार्रवाई से आंदोलनकारियों में दो फाड़ हो गया। 158 मिलर कस्टम मिलिंग के लिए राजी हो गए। बिलासपुर सहित कई जिलों में शनिवार की शाम से धान का उठाव भी शुरू हो गया। प्रदेश में करीब 1600 राइस मिल हैं। इधर मिलरों का दूसरा धड़ा अब भी आंदोलन पर अड़ा है। रायपुर में 40 इन मिलरों ने अपने मिलों की चाबी कलेक्टर को सौंप दी। इसके साथ ही मिलरों के बैठकों का दौर चल रहा है।
प्रदेश के राइस मिलर 10 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। इसकी वजह से धान सोसायटियों में पड़ा हुआ है। इसे देखते हुए प्रभारी मुख्य सचिव एनके असवाल ने शनिवार को राज्यभर के कलेक्टरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली। उन्होंने कस्टम मिलिंग में रुचि नहीं लेने वाले मिलरों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
राइस मिलों पर कार्रवाई
सील किया- मुंगेली में 10, रायगढ़, राजनांदगांव, भानुप्रतापपुर में 6-6, महासमुंद में 3, कांकेर में 3, बागबाहरा, पिथौरा, बस्तर व कोण्डागांव में 1-1।
ब्लैक लिस्टेड- कोरबा में 38, बालोद में 30, धमतरी में 68 तथा रायपुर में 124 राइस मिलों को ब्लैक लिस्ट किया गया है।
सख्ती की वजह
सरकार ने दावा किया है कि देश में सबसे ज्यादा कस्टम मिलिंग चार्ज छत्तीसगढ़ में मिलरों को दिया जा रहा है। इसके बावजूद मिलर धान की मिलिंग नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से कड़ी कार्रवाई की जा रही है। खाद्य सचिव ऋचा शर्मा ने बताया कि 26 नवंबर से राज्य में कस्टम मिलिंग का कार्य शुरू हो गया है।
हमारी जायज मांगों के खिलाफ अफसर गैर कानूनी तरीके से दमनात्मक कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन इससे हमारे आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सोमवार को और मिलों की चाबी सौंपी जाएगी। रायगढ़ में तो मिलरों को बंधक बनाकर एग्रीमेंट के लिए मजबूर किया गया। - योगेश अग्रवाल, अध्यक्ष, प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन