Jan 4, 2019
आशुतोष तिवारी : 25 मई 2013 को झीरम घाटी में कांग्रेसियों पर हुए नक्सली हमले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है और इस जांच टीम के प्रभारी बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा को बनाया गया है। इस एसआईटी जांच से एक तरफ जहां घटना के चश्मदीद व पीड़ित कांग्रेसियों ने न्याय मिलने की उम्मीद जताई है। तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इस जांच को बदले की भावना से कांग्रेसी द्वारा एक स्टंट बताया है ।और इस जांच का कोई औचित्य नही होना कहा है।
इस हमले में घायल में हुए कांग्रेस के महासचिव मलकीत सिंह गैदु का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस घटना की जांच के लिए एसआईटी टीम के गठन से झीरम हमले में शहीदो और उनके परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। क्योंकि भाजपा सरकार रहते 5 सालों से कांग्रेसी न्याय पाने के लिए तरसते रहे। लेकिन ना ही भाजपा सरकार इस घटना के दोषियों को ढूंढ पाई और ना ही उन्हें आज तक सजा मिल पाई। जांच के नाम पर भाजपा सिर्फ खानापूर्ति करते रहे और बीते 5 सालों से कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। गैदु ने कहा कि हमें इस एसआईटी जांच से पूरी उम्मीद है कि इस घटना के मास्टरमाइंड का पर्दाफाश होने के साथ उन्हें सजा भी जरूर मिलेगी। जिससे कि घटना के शहीदों व पीड़ितों को न्याय मिल सकेगा।
इधर इस घटना की एसआईटी जांच कराने पर भाजपा के जिला अध्यक्ष बैदू राम कश्यप ने चुटकी लेते हुए कहा है कि जब इस घटना की राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी एनआईए जांच कर रही है तो पुलिस द्वारा इस घटना की जांच कराने का कोई औचित्य नहीं बनता। एनआईए द्वारा लगातार इस मामले में सुनवाई भी की जा रही है, ऐसे में उस जांच की फाइल वापस मंगाना और एसआईटी टीम द्वारा जांच कराना कांग्रेसियो का ढकोसला मात्र है।