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दूसरे राज्यों के फार्मूले से बीजेपी निकलेगा जीत का मंत्र, ये होगी रणनीति

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Aug 21, 2023

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के लिए खूब सियासी जोर आजमाईश कर रही है। राष्ट्रीय नेताओं के साथ ही अन्य राज्यों के विधायकों को भी आजमा रहें हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने पांच राज्यों के भाजपा विधायकों को जिम्मा दिया है। कांग्रेस इस पर तंज कस रहा है कि बीजेपी को अपने स्थानीय नेताओं को भरोसा नहीं है। पूरे देश से इसलिए अपने विधायकों को बुला रहें हैं। बाहर से आए विधायकों को जनता स्वीकार नहीं करेगी। 
दरअसल, छत्तीसगढ़ में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों की नब्ज टटोलने के लिए भाजपा के दूसरे राज्यों के विधायक प्रदेश प्रवास पर है। झारखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और बिहार से आए बीजेपी के विधायक प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में दौरा करेंगे। इसके पहले प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें पांच राज्यों से आए सभी 57 विधायक शामिल हुए। विधायकों के प्रवास प्रशिक्षण में क्षेत्रिय संगठन मंत्री अजय जामवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, संगठन महामंत्री पवन साय, एवं कार्यक्रम संयोजक अभय पाटिल कर्नाटक मौजूद रहें। 
बता दें कि अन्य राज्यों से आए बीजेपी विधायकों का प्रशिक्षण हुआ। प्रशिक्षण के बाद प्रवासी विधायकों का दावा है कि वे छत्तीसगढ़ के जातिगत, भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत हो गए है। कांग्रेस सरकार के 5 साल के कामकाज की जानकारी मिल गई है। सभी विधायक 1-1 विधानसभा का रिपोर्ट कार्ड बनाएंगे। उसके अनुरूप बीजेपी कार्यकर्ता विधानसभाओं में काम करेंगे। 2023 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनेगी। 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि सभी विधायक एक सप्ताह तक विभिन्न विधानसभाओं का दौरा करेंगे। उन्हें एक-एक विधानसभा में एक सप्ताह रहकर काम करना है। उन्हें जानने का मौका मिलेगा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के कार्यकर्ता कैसे काम करते हैं। किस तरह संगठन की रचना है। किस तरह की राजनीति छत्तीसगढ़ में होती है। वही हमारे कार्यकर्ताओं को भी अन्य राज्य के कामकाज की अनुभव का लाभ मिलेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा के अन्य राज्यों से आए विधायकों के प्रशिक्षण को लेकर कहना है, कि बीजेपी को अपने स्थानीय नेताओं को भरोसा नहीं है। पूरे देश से इसलिए अपने विधायकों को इनकमिंग कर रहे है। यह प्रयास बीजेपी का नाकामयाब रहेगा। बाहर से आए विधायकों को जनता स्वीकार नहीं करेगी। इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में आक्रोश भी बढ़ेगा।  बहरहाल, भाजपा का राष्ट्रीय संगठन छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। अब देखना होगा बीजेपी का यह प्रयोग जनता के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं पर कितना असर डालता है।