Mar 27, 2023
रायपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त होने के बाद कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। कांग्रेस देशभर में धरना प्रदर्शन, सत्याग्रह और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राहुल गांधी के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस जहां राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किए जाने को षड्यंत्र बता रही है, वही बीजेपी इसे महज कांग्रेस की राजनीति बता रही है।
बता दें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में कोर्ट द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद की सदस्यता भी रद्द दी गई। इसे राजनीतिक षड़यंत्र बताते हुए। कांग्रेस ने देशभर में आंदोलन शुरू कर दिया है। धरना प्रदर्शन के साथ ही रविवार को जहां देशभर में सत्याग्रह कर विरोध जताया गया। वही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता देशभर के सभी राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार और बीजेपी को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहें हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ में भी लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस के सत्याग्रह के चार कारण बताए। उनका कहना है, आखिर अडानी के खाते में 20 हजार करोड़ रुपया किसके हैं? राहुल गांधी को सदन में बोलने नहीं दिया गया। सत्तापक्ष ने दोनों सदनों को बाधित किया और राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई।
कांग्रेस के छत्तीसगढ़ सहप्रभारी डॉ. चंदन यादव ने कहा- यह भारतीय जनता पार्टी का षडयंत्र है। राहुल गाँधी लगातार केंद्र में बैठी मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहें है। वे लगातार नरेंद्र मोदी की सरकार से अडानी के संबंधों पर सवाल पूछते रहें है। भाजपा और प्रधानमंत्री की नीति और नियत पर सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद भाजपा डरी हुई है। विपक्ष के आवाजों को उसके सवालों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे राहुल जी और कांग्रेस डरने वाली नहीं है। देशभर में कांग्रेस चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी और संघर्ष करेगी।
राहुल गांधी मामले में कांग्रेस के देशभर में प्रदर्शन को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- ये राजनीति करना चाह रहे है। सभी को मालूम है कि राहुल गांधी के ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। दोषी ठहराने के बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द हुई। इससे पहले भी यह कार्रवाई हुई है। कांग्रेस को कोर्ट के ऊपर भरोसा करना चाहिए। कोर्ट कोई एजेंसी नहीं होती। राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के अध्यादेश को फाड़ा था, ऐसा काम राहुल गांधी ही कर सकते है। बहरहाल, राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के मामले के पर बीजेपी इसे कोर्ट और संसदीय व्यवस्था का मामला बता रही है तो कांग्रेस इसे बीजेपी की राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहें है।