Loading...
अभी-अभी:

BJP MP-लक्ष्यभेदी वीडी और वोट शेयर का टारगेट

image

Mar 1, 2024

HIGHLIGHTS -

  • LS Election में 68 फीसदी वोट शेयर का टारगेट
  • चक्रव्यूह को भेदने में सिद्धहस्त वीडी शर्मा को पार्टी से नया टारगेट मिला

भोपाल। पार्टी और कार्यकर्ताओं में टारगेट के चक्रव्यूह को भेदने में सिद्धहस्त वीडी शर्मा को पार्टी से  नया टारगेट मिला है। भाजपा हाइकमान ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वोट शेयर 68 प्रतिशत करने के टारगेट तय किया है। भाजपा के लिए शुभंकर माने जाने वाले वीडी के लिए इस टारगेट को अचीव करना आसान है या फिर वीडी शर्मा ऐसे चक्रव्यूह में फंस गए हैं, जिसको तोड़ पाना कठिन है। इसी की पड़ताल करती स्वराज डिजिटल की यह खास रिपोर्ट...

भाजपा ने मप्र में पिछले 3 वर्षों में शानदार रिकार्ड बनाए हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के केंद्र में सक्रिय होने के बाद राजस्थान, गुजरात और दिल्ली ने जैसे परिणाम पिछले 2 लोकसभा चुनाव में दिए, वो मप्र में नहीं हो पाया। राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में भाजपा ने 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप किया, परंतु मप्र में भाजपा की सीटें तो बढ़ी, लेकिन लोकसभा की पूरी सीटें जीतने का सपना पूरा नहीं हुआ। 2014 में 29 लोकसभा सीटों में से 27 और 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 सीटें जीतीं।

मप्र में क्लीन स्वीप न कर पाने की कसक -

भाजपा के लिए मप्र आदर्श संगठनात्मक राज्य रहा है, इसके बावजूद मोदी युग में राज्य ने पिछले 2 लोकसभा चुनाव में अन्य उत्तर भारतीय राज्यों जैसा क्लीन स्वीप करने का प्रदर्शन नहीं किया, भाजपा हाइकमान के मन में यही कसक बनी हुई है। यह भी तब हुआ है जब 2014 में मप्र में तीन बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव की कमान संभाले थे और भाजपा संगठन की कमान कुशल राजनेता नरेंद्र सिंह तोमर और स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पास थी। तब भाजपा को 27 सीटें मिलीं। 2018 में मप्र में भाजपा की सरकार चली गई। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय मप्र में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय भाजपा संगठन की कमान जबलपुर से सांसद रहे राकेश सिंह के पास थी। तब  सिर्फ 1 सीट ही बढ़ सकी, जो कि क्लीन स्वीप से फिर भी एक सीट कम थीं। यह सीट कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा थी, जहां से उनके पुत्र नकुलनाथ ने जीत दर्ज की थी।

हाइकमान ने वीडी को अध्यक्ष बनाया -

मप्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई। कांग्रेस की सरकार बनी। भाजपा हाईकमान ने इतनी बड़ी हार को पचा लिया और प्रदेश नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं किया। इस दौरान कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष विपक्ष में होकर भी जब प्रदेश भाजपा का रवैया लचर रहा और कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदेश नेतृत्व कोई बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा सका। तब भाजपा हाईकमान ने फरवरी 2020 में पार्टी के प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा को मप्र की कमान सौंपी, जिन्होंने आते ही कांग्रेस की सरकार के नीतियों के खिलाफ बड़े जन आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी। इसी बीच कांग्रेस में अपनी उपेक्षा और कमलनाथ सरकार द्वारा वचन पत्र का पालन नहीं किए जाने से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।

2024 के लोकसभा चुनाव में टारगेट 29 -

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने मप्र में क्लीन स्वीप वाले राज्यों की श्रेणी में सबसे ऊपर रखा है। मप्र में कांग्रेस की 2 सीटें अजेय रही हैं। एक सीट गुना थी, जहां सिंधिया खानदान का दबदबा था। उस सीट को भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत लिया और उसके बाद हुए बड़े राजनैतिक उलटफेर में कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा की रणनीति कांग्रेस के एकमात्र अजेय गढ़ छिंदवाड़ा जीतने की है। इसके लिए भाजपा लंबे समय से छिंदवाड़ा में सक्रिय है। पार्टी ने छिंदवाड़ा को आकांक्षी सीट में रखा है। लंबे समय तक उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री छिंदवाड़ा में डटे। मप्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद डा. मोहन यादव भी छिदवाड़ा में बड़ी सौगात देकर आए हैं।

संगठन का टास्क 68 फीसदी वोट -

मप्र भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा बड़े टास्क अचीवर हैं। उन्होंने मप्र भाजपा का नेतृत्व करते हुए चुनावी और संगठन दोनों मोर्चों पर मिले टास्क पूरे किए हैं। पार्टी हाइकमान ने प्रदेश नेतृत्व के सामने 68 फीसदी वोट प्रदेश में भाजपा को दिलाने का लक्ष्य रखा है और इस असाधारण लक्ष्य को भेदने के लिए पार्टी ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को कमान दी है। दरअसल, मप्र में बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी को आलटाइम सबसे ज्यादा वोट 58 फीसदी मिला है। इसलिए इस वोट प्रतिशत को 10 फीसदी और बढाना बड़ी चुनौती है। ज्ञात रहे कि भाजपा को 2014 में 54.76 फीसदी और 2019 में करीब 58 फीसदी वोट मिला था।  

 विधानसभा चुनाव में बढाए 8 फीसदी वोट

मप्र में 2023 के विधानसभा चुनाव में वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा संगठन कमाल कर चुका है। भाजपा को 2018 के लोकसभा चुनाव में 41 फीसदी वो मिले थे। उस समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह थे और नारा दिया था अबकी बार 200 पार। लेकिन परिणाम उल्टा आया था। भाजपा को 200 सीटों का सपना तो टूटा ही था पार्टी का वोट बैंक भी 3-4 फीसदी टूटकर कांग्रेस के साथ चला गया, जिससे भाजपा की सरकार भी नहीं बन पाई। 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा का नेतृत्व वीडी शर्मा ने हाथ में था। प्रदेश भाजपा ने पूरा फोकस वोट शेयर बढ़ाने पर किया और टारगेट तय किया कि भाजपा का वोट शेयर 41 से 10 फीसदी बढ़ाकर 51 फीसदी तक करना है। संगठन ने जी तोड़ प्रयास किया और वोट शेयर 48.9 फीसदी पहुंच गया। नोटा का वोट हटा दें तो भाजपा ने अपने लक्ष्य को लगभग छू लिया। 

वीडी ने ये लक्ष्य साधे

  • कोरोना महामारी में संगठन को सेवा कार्य में लगाया
  • 2020 में 28 सीटों पर उपचुनाव में 19 पर शानदार जीत दर्ज
  • 2021 में 4 विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव में लोकसभा औऱ 3 विधानसभा में जीत दर्ज
  • संगठन में युवाओं को नई पीड़ी को आगे लाकर बड़ा बदलाव
  • संगठन को डिजिटली स्ट्रांग बनाया
  • बूथ स्तर पर संगठन को किया मजबूत, नंबर वन बनाया
  • संगठन में नवाचार से जनता और कार्यकर्ता को किया कनेक्ट
  • 2023 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज

 

अगली कड़ीः कैसे पूरा होगा टारगेट 

 

Report By:
Author
Ankit tiwari