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भारत-पाकिस्तान युद्ध: गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए डिफेंस रूल्स के तहत इमरजेंसी पावर इस्तेमाल के आदेश, क्या है राज्यों के आपतकालीन अधिकार

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May 9, 2025

भारत-पाकिस्तान युद्ध कारण पूरे देश में तनाव का माहौल है। अभी तक पाकिस्तान ने भारत के गुजरात जम्मु-कश्मीर, चंडीगढ़ में हमले किए है। जिसमें 17 भारतीयों की जान गई है। इस जान गवाने वालों में 5 बच्चें शामिल है। भारत ने पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई विमान मार गिराएं है। और लाहौर रावलपिंडी कराची सहित कई शहरों में ड्रोन से हमला किया है। लेकिन अभी पाकिस्तान ने इस हमले में मारे गए लोगों की पुष्टि नहीं की है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पिछले तीन दिनों से दोनों देशों के बीच लगातार गोलाबरी हो रही है। जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों को उनके आपातकालीन शक्तियों के प्रयोग के निर्देश जारी किए है।

क्या है राज्यों की आपातकालीन शक्तियां

युद्धकाल में आपतकालीन शक्तियों के रूप में राज्यों के पास अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ विशेष शक्तियां होती है। जिसका प्रयोग राज्य सरकार देश में बाहरी संकट के समय करती है। इस शक्ति का उपयोग करके सरकारे संटक की स्थिति में टेरिटोरियल आर्मी के जवानों बुला सकती है ताकि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा सके।

राज्यों को है ब्लैक आउट करने का अधिकार

युद्ध की स्थिति में राज्यों के पास भी कई अधिकार होते है। राज्य अपनी सुविधा अनुसार ब्लैक आउट कर सकता है। ब्लैक आउट का अर्थ होता है। पुरे राज्य में अंधेरा करना ताकि दुश्मन को हमारे रिहायशी इलाकों की जानकारी न हो।

संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाना

युद्ध की स्तिथि में राज्य किसी भी सभा या जन संग्रह वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा सकता है। ऐसी कोई भी परिस्थिति जो सरकार को संदिग्ध लगती है। उसपर कार्रवाई की जा सकती है।

सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी को रद्द कर सकती है सरकार

युद्धकाल में सरकार कर्मचारियों के छुट्टियों के रद्द कर सकती है। साथ ही इमरजेंसी चिकित्सा , अनाज भंडारण करना सभी राज्यों के आपातकालीन कर्तव्य और शक्तियों में आता है।

 

 

Report By:
RAGINI RAI