Jul 19, 2024
पर्यावरणविदों ने जल निकायों में सीवेज के मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों के सख्त खिलाफ है. भोपाल में हर दिन लगभग 100 मिलियन लीटर (एमएलडी) अनुपचारित सीवेज का पानी निकायों में मिल रहा है. शहर में लगभग 340 एमएलडी सीवेज उत्पन्न होता है, जिसमें से भोपाल नगर निगम (बीएमसी) 240 एमएलडी को तो दुरुस्त करने की कोशिश कर रहा है , लेकिन , बाकी जो बचता है उसे राजधानी के जल निकायों में बहा दिया जाता है.
बीएमसी अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (एएमआरयूटी) के तहत निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से सीवेज को ठीक करता है.
पूरे मामले पर भोपाल नगरनिगम की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा - वीआईपी रोड के साथ आवासीय क्षेत्रों से उत्पन्न अनुपचारित सीवेज ऊपरी झील में बहाया जा रहा है. यह सीवेज प्रबंधन के बारे में बीएमसी के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलता है. इसी तरह, सीवेज का एक गैर-अधिसूचित स्रोत (93 अधिसूचित नालों के अलावा) भी सीवेज को जल निकायों में खाली कर देता है.'