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भोपाल: कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने वालों के लिए 'स्पेशल 26' प्लान

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Apr 27, 2023

कांग्रेस उन 26 नेताओं के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक विशेष योजना बना रही है, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा और अपनी 15 महीने पुरानी सरकार को गिरा दिया था।  इन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी संगठन कमजोर है। ऐसे में कांग्रेस बीजेपी के उन नेताओं पर नजर रख रही है जो पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं।  

दलबदलुओं को सबक सिखाने के लिए पार्टी की इन सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को तैनात करने की योजना बना रही है।  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्नीस नेताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।  
उन 19 विधायकों के अलावा, पार्टी के तीन अन्य विधायक - बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डांग और ऐदल सिंह कंसाना - कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।  
इन सीटों पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस के तीन विधायक- सुमित्रा कासडेकर, नारायण पटेल और प्रद्युम्न लोधी ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। जब 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा था, तब कांग्रेस के एक अन्य विधायक राहुल लोधी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन 26 सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से आठ अभी भी पार्टी के पास हैं। कुछ सीटों को छोड़कर उपचुनावों में जिन आठ सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई है, उनमें कांग्रेस की स्थिति बहुत मजबूत नहीं है।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, पार्टी 26 सीटें जीतने की योजना बना रही है। इन सीटों को वापस पाने के लिए कांग्रेस की नजर उन नेताओं पर है, जो बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।  उपचुनाव में पार्टी ने जिन आठ सीटों पर जीत हासिल की उनमें से तीन उन नेताओं के खाते में गईं, जिन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।  इसलिए कांग्रेस फिर उसी तरह की रणनीति पर काम कर रही है, जैसे उसने उपचुनाव के दौरान किया था।
पार्टी बीजेपी नेताओं को अपने पाले में लाना चाहती है और उन्हें इन सीटों से मैदान में उतारना चाहती है। पार्टी नेताओं की नजर हाटपिपल्या से दीपक जोशी, सांची से मुदित शेजवार, बदनावर से भंवर सिंह शेखावत, अन्नूपुर से रामलाल रौतेल, मेहगांव से राकेश शुक्ला और मुंगावली से केपी यादव पर है ।  पार्टी उन कार्यकर्ताओं को वापस लाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने उपचुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ली थी, जिसे कांग्रेस ने जीता था।

कांग्रेस का  इन 26 सीटों के लिए अलग प्लान है
सांवेर, सुरखी, सांची, बम्हौरी, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, बदनावर, हाटपिपल्या, अशोकनगर, मुंगावली, अंबाह, अनूपपुर, भांडेर, पोहरी, मेहगांव, मांधाता, नेपानगर, बड़ा मलहरा, सुवासरा, सुमावली, करेरा, दिमनी, गोहद, मुरैना, डबरा और दमोह।