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पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी तक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए चलाया जाएगा अभियान: सीएम यादव

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May 26, 2024

BHOPAL: मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने जल स्रोतों के प्रति समाज को जागरुक करने के लिए अभियान चलाने की बात कही उन्होंने कहा कि जल स्रोतों के प्रति समाज को जागरुक करने के लिए 5 जून यानी पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व तक जलस्रोतों के सुरक्षित करने और उनके पुर्नजीवन के लिए पूरे मध्यप्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। इन दस दिनों में हर एक जिले के जल स्रोतों, जैसे नदी, कुंआ, तालाब, बावड़ी आदि को स्वच्छ रखने और आवश्यकता होने पर उनके गहरीकरण के लिए कार्य किए जाएंगे।

सीएम मोहन यादव ने सभी सामाजिक, शासकीय, अशासकीय संस्थाओं, जनअभियान परिषद से जुड़े संगठनों से अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया और साथ ही उन्होंने बताया कि इस अभियान का नेतृत्व जनप्रतिनिधि करेंगे और जिला कलेक्टर गतिविधियों का समन्वय करेंगे

सीएम यादव ने कहा कि "जल ही जीवन है" केवल घोष वाक्य नहीं है, यह जल स्रोतों की हमारे जीवन में भूमिका से स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि हमारी यह पीढ़ी इन जल संरचनाओं की महत्ता से परिचित हो, हमारा संबंध जल संरचनाओं से अधिक प्रगाढ़ हो, यही इस अभियान का उद्देश्य है।

अतिक्रमित क्षेत्र को कराया जाएगा मुक्त

जल संसाधनों के संरक्षण कार्यक्रम को लेकर सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह अभियान शुरुआत में 5 से 15 जून तक चलाया जायेगा. वहीं इसके बाद इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान नदियों और झीलों से निकलने वाली मिट्टी किसानों को उनके खेतों में उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही कलेक्टर के माध्यम से जल स्रोतों पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराया जाएगा, जिसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इन स्थानों को समाज के लिए संरक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पर्यावरण दिवस से लेकर गंगा दशमी तक जल स्रोतों पर प्रभावी काम होगा, जिससे गर्व महसूस करने का मौका मिलेगा.

 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए चलाया जाएगा अभियान

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जल संरचनाओं के उन्नयन कार्य के अंतर्गत नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं आदि का निर्माण राज्य की संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। साथ ही इन जल निकायों का उपयोग पर्यटन, मत्स्य पालन, सिंघाड़ा उत्पादन और भूजल संरक्षण के लिए करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा आबादी वाले क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन(RAIN WATER HARVESTING)के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

 

Report By:
Author
ASHI SHARMA