Mar 4, 2019
अज़हर शेख- इंदौर शहर में आत्महत्या का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा। कल फिर दहेज लोभियों की प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सरकार चाहे महिला सशक्तिकरण की कितनी भी बातें कर ले, लेकिन इनका प्रभाव कहीं देखने को नहीं मिल रहा कारण शहर में लगातार दहेज़ प्रताड़ना के केस सामने आ रहे हैं। दहेज लोभियों के सामने परिवार उनकी शर्त मान ले या अपनी बेटी को चिता की वेदी पर लेटा दे।
10 लाख रूपयों के लिए बना रहे थे दबाव
ताज़ा मामला आजाद नगर थाने का है, जहां पर एक 22 वर्षीया महिला ने फांसी लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मेघा की शादी 2015 में इंदौर के पवन पूरी में रहने वाले नीलेश चौधरी से हुई थी। नीलेश ओशियन मोटर्स में फाइनेंस का काम करता है। शादी के कुछ दिनों तक तो सब ठीक चलता रहा। कुछ दिनों बाद से ही मेघा के परिवार वालों के ऊपर ससुराल पक्ष के लोग दहेज़ के लिए प्रेशर बनाने लगे और दहेज़ नहीं देने पर प्रताड़ित करने लगे। इन सब से तंग आकर मेघा अपने पिता के घर आकर रहने लगी। उसके बाद नीलेश मेघा को घर लेने आया। मेघा के परिवार वालों ने सोचा दोनों में समझौता हो गया होगा, तो भेज दिया। परिजनों का कहना है कि हमने 5 लाख शादी के समय पर दहेज़ दिया था और साथ ही एक हौंडा की गाड़ी भी दी थी। लेकिन ससुराल पक्ष के लोग और 10 लाख रूपयों के लिए दबाव बना रहे थे।








