May 18, 2018
ग्वालियर की जिला अदालत ने 36 साल पुराने सिंधिया परिवार की हिरणवन कोठी मामले में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। इनके खिलाफ कोठी में डकैती डालने का मामला सरदार आंग्रे की पुत्री चित्रलेखा ने झांसी रोड थाने में लूट करने वालों के खिलाफ आवेदन दिया था। लेकिन पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया।
इसके बाद चित्रलेखा ने जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया। परिवाद में गवाही शुरू हुई और प्रथम दृष्यया कोर्ट ने पाया कि अपराध हुआ है। 1985 में डकैती का केस दर्ज कर लिया गया। इस मामले में माधवराव सिंधिया सहित कांग्रेस नेताओं को आरोपी बनाया गया था। 36 साल से ये मामला जिला कोर्ट में चल रहा था। जिसमें कहा गया था कि 23 अगस्त 1983 में माधवराव सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ हिरणवन कोठी पर धावा बोल दिया और लूट व डकैती की घटना को अंजाम दिया।
जिसके बाद इस मामले में कोर्ट के परिवाद पत्र पर स्व. माधवराव सिंधिया, पूर्व मंत्री के पी सिंह कांग्रेस नेता अशोक शर्मा, बीजेपी नेता अरूण तोमर, उदयवीर, रवि भदोरिया, बाल खंडे, अमर सिंह भोसले सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। साथ ही इस मामले में प्रमुख गवाह पूर्व सांसद एनके शेजवलकर प्रदेश के पूर्व मंत्री शीतला सहाय, पूर्व महापौर माधव शंकर इंदापुरकर, सरदार संभाजी राव आंग्रे की गवाही हुई थी जिनका अब निधन हो चुका है।