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दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ने से सूबे की सियासत में हलचल बढ़ी है

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Sep 29, 2022

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं... तो मध्य प्रदेश की राजनीति में इसका खासा असर देखने को मिलेगा... दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ने से सूबे की सियासत में हलचल बढ़ी है... इससे वे नेता बेचैन हैं जो दिग्विजय सिंह के विरोधी माने जाते हैं... प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और उनके सहयोगी दिग्विजय के नाम को लेकर सहज नहीं है.... वहीं बीजेपी दिग्विजय के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावना से उत्साहित नजर आती है...आखिर क्यों इस रिपोर्ट में देखिए....

राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में दिग्गी का नाम आगे
क्यों बेचैन दिखे कमलनाथ खेमे के नेता ?
पीसीसी चीफ कमलनाथ भी दिखे असहज !
मामले में बीजेपी ने ली चुटकी
दिग्गी कांग्रेस के लिए अशुभ, बीजेपी के लिए शुभ


राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में दिग्गी का नाम 
कमलनाथ खेमे के नेता बेचैन क्यों ?
बीजेपी को मिला मौका, कसा तंज
दिग्गी कांग्रेस के लिए अशुभ, बीजेपी के लिए शुभ

 

 मध्यप्रदेश की राजनीति में दिग्विजय सिंह एक ऐसा नाम है... जिसके साथ राजनीति का चाणक्य होने का तमगा जुड़ा तो बंटाधार की छवि भी उनका पीछा नहीं छोड़ती... मध्यप्रदेश कांग्रेस में कभी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक एकछत्र राज्य करने वाले दिग्विजय सिंह कई बार हाशिए पर भी दिखे...  हालांकि दिग्विजय सिंह ने खुद को लाइमलाइट में बनाए रखा... अपने इस राजनीतिक सफर में कांग्रेस में उनके कई खास समर्थक हुए तो कई उनके धुर विरोधी... कमलनाथ दिग्विजय सिंह के दोस्त की भूमिका में नजर आए तो कभी दोनों की पटरी नहीं भी बैठी... दिग्विजय सिंह अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं... सबसे ज्यादा असहज होंगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जो हमेशा से खुद को दिग्विजय सिंह से बड़ा नेता मानते नजर आए हैं... यही वजह है कि दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के सवाल पर कमलनाथ असहज हो गए....

 दिग्विजय सिंह का नाम जैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए बढ़ा कमलनाथ खेमे के नेता बेचैन होते नजर आए... कभी दिग्विजय सिंह के शासनकाल में मंत्री पद संभालने वाले सज्जन सिंह वर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि दिग्विजय में दम नहीं कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभाल सकें... अध्यक्ष राहुल गांधी को ही बनना चाहिए.... 

 

एमपी बीजेपी का मानना रहा है कि दिग्विजय सिंह की वजह से उन्हें अच्छा समर्थन मिलता आया है... दरअसल बीजेपी दिग्विजय के कार्यकाल को पानी पी-पी कर कोसती है,  उसे लगता है कि प्रदेश की जनता दिग्विजय का वो कार्यकाल कभी नहीं भूलेगी... जिसमें उसे बजली पानी सड़क का घोर संकट झेलना पडा था... बीजेपी दिग्विजय को कांग्रेस के लिए अशुभ और अपने लिए शुभ मानती रही है...
 
 मध्यप्रदेश में राधौगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत करने वाले दिग्विजय सिंह एक समय मध्य प्रदेश की राजनीति के अपराजेय योद्धा माने जाने लगे... मुख्यमंत्री के रूप में एक समय उनकी लोकप्रियता शिखर पर थी...  लेकिन 2003 के चुनाव आते-आते सड़कों और बिजली की खराब हालत ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया... और बीजेपी ने उन्हें बंटाधार मुख्यमंत्री का तमगा देकर जीत हासिल की... अपनी हार के बाद 10 साल तक चुनाव न लड़ने का फैसला करना दिग्विजय सिंह पर भारी पड़ गया... और चुनावी राजनीति से 10 साल का बनवास उनके पॉलिटिकल करियर को काफी हद तक पीछे कर गया.... राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनकी नई पारी कांग्रेस को भले ही बहुत फायदा ना पहुंचाए लेकिन उनके खुद के पॉलिटिकल करियर के लिए यू-टर्न  जरूर साबित हो सकता है....