Apr 3, 2024
बुंदेलखंड की चारों लोकसभा सीटों पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। भाजपा ने दो सीट- सागर और दमोह में नए चेहरे उतारे हैं तो कांग्रेस ने सभी तीनों सीटों और सपा ने अपनी गठबंधन वाली सीट पर नए प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। भाजपा ने सागर से सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काटकर लता वानखेड़े को उतारा है, खजुराहो में कांग्रेस के गठबंधन में समाजवादी पार्टी ने मीरा दीपक यादव को प्रत्याशी बनाया है। अंचल में दो महिला प्रत्याशियों की - मौजूदगी से मुकाबला रोचक हो गया है।
टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने परंपरागत चेहरे और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार पर न फिर भरोसा जताया है। उनका - मुकाबला कांग्रेस के पंकज अहिरवार से होगा, जो पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं।
दमोह में भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों ने जातिगत समीकरण साधते हुए लोधी समाज से प्रत्याशी चुने हैं। कांग्रेस में रहते हुए दमोह से 2020 का उपचुनाव हार चुके
राहुल लोधी के भाजपा में आने के बाद पार्टी ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस से बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी लड़ रहे हैं। खजुराहो से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा फिर मैदान में हैं। दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़ सीट के लिए दूसरे चरण में 26 अप्रैल और तीसरे चरण में शामिल सागर सीट के लिए सात मई को मतदान होगा।
खजुराहो
यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा दूसरी बार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को चार लाख 92 हजार मतों से हराया था। इस बार मुकाबला इसलिए रोचक है कि सपा ने पूर्व विधायक मीरा दीपक यादव को लड़ाया है। उम्र से लगी इस सीट पर सपा का भी प्रभाव रहा है।
सागर
यहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहला बसपा से पार्टी में आए चंद्रभूषण सिंह बुंदेला पर दांव खेला है। वह खुरई सीट से विधानसभा चुनाव में टिकट मांगे रहे थे। उनका मुकाबला भाजपा की जमीनी और संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता लता वानखेड़े से है। लता ने ग्राम पंचायत के पंच से राजनीति शुरू की थी
दमोह
भाजपा इस सीट पर 1989 से लगातार जीतती आ रही है। 2014 और 2019 यहां से प्रहलाद पटेल निर्वाचित हुए थे। उनके विधायक बनने के बाद भाजपा ने इस सीट पर राहुल सिंह लोधी को लड़ाया है। लोधी मतदाता यहां बहुतायत हैं, इसलिए कांग्रेस ने भी जातिगत समीकरण देखते हुए बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को उतारा है इस तरह दोनों दलों में लड़ाई नए-नए प्रत्याशियों के बीच है। विधानसभा चुनाव में यहां की आठ में से सात सीट पर भाजपा जीती थी। ऐसे में कांग्रेस को य काफी जूझना पड़ेगा।
टीकमगढ़
एससी के लिए सुरक्षित यह सीट भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं है, क्योंकि भाजपा ने यहां से तीन बार के सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक को फिर उतारा है उनके सामने कांग्रेस के पंकज अहिरवा हैं। नया चेहरा होने के नाते उनके सामने कुछ जगह पहचान का संकट भी आ रह है। वह विधानसभा चुनाव में जतारा से टिकट मांग रहे थे। पंकज युवा कांग्रेस- भी जुड़े रहे हैं। विधानसभा चुनाव में यह आठ में पांच सीट भाजपा और तीन कांग्रेस ने जीती थी।