Jul 12, 2024
Madhya Pradesh Government: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के हित में जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है। अगर ऐसा हुआ तो 36 साल बाद मध्य प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों की बड़ी मांग पूरी हो जाएगी. ये कर्मचारी लंबे समय से समान पद और समान वेतनमान की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जीपी सिंघल आयोग का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट मौजूदा मोहन यादव सरकार को सौंप दी है.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें समान रैंक के आधार पर समान वेतनमान मिले. उदाहरण के लिए, मंत्रालयों, पुलिस मुख्यालयों और कानून विभागों में काम करने वाले आशुलिपिकों को 5500-9000 रुपये का वेतनमान मिलता है, लेकिन जिला कलेक्टरों और अन्य विभागों में काम करने वाले आशुलिपिकों को 4500-7000 रुपये का वेतनमान दिया जाता है। हालांकि दोनों जगह काम और पद एक ही है, लेकिन वेतनमान में अंतर है।
5 लाख कर्मचारियों को सीधा फायदा
फिलहाल आयोग ने एक रिपोर्ट दी है, जिसकी जांच की जा रही है. इस आयोग की रिपोर्ट लागू होते ही मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब 5 लाख कर्मचारियों को वेतनमान में संशोधन का लाभ मिलेगा. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारियों को उनके पद के आधार पर 12,000 रुपये से 60,000 रुपये सालाना वेतन मिल सकता है. सूत्रों का यह भी कहना है कि आयोग की रिपोर्ट की जांच करने और उसे लागू करने में छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है.