Jul 19, 2024
मध्यप्रदेश की बुधनी विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहा है. सभी को इंतजार है की बीजेपी यहां से किसको अपना उम्मीदवार बनाने जा रही है. इस सीट को लेकर खास चर्चा इसिलिए भी है क्योंकि यहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्र में कृषी एवं ग्रामिण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक बनते आये है. इसी सीट के विधायक बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते आये है. 2024 में हुए लोकसभा के चुनावों में शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा से चुनाव लड़ा था. विदिशा से एकतरफा जीत मिलने के बाद शिवराज को केंद्र में मंत्री बना दिया गया. जिसके बाद उन्होने बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. अब इसी वजह से यहां पर उपचुनाव होना है.
बीजेपी किसे देगी मौका
बुधनी विधानसभा सीट शिवराज सिंह चौहान का गढ़ माना जता है. यहां से वो अजय रहे है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम भी संभावित प्रत्याशियों की रेस में आगे है. लेकिन , अगर ऐसा होता है तो परिवारवाद के आरोपों का सामना करते हुए कार्तिकेय यह चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी अक्सर परिवारवाद के खिलाफ वकालत करती दिखती है लेकिन कई बार खुद ही इसमें लिप्त नज़र आती है. माना जा रहा है की केंद्रिय नेतृत्व भी शिवराज सिंह चौहान के साथ विचार-विमर्श करते हुए ही किसे नतीजे तक पहुंचेगा. बुधनी विधानसभा सीट पर किरार समाज का व्यक्ति ही चुनाव जीतता हुआ आया है. शिवराज सिंह चौहान भी किरार समाज से ही आते है. ऐसे में माना यही जा रहा है की बीजेपी किसी किरार समाज के व्यक्ति को ही मैदान में उतारेगी.
कांग्रेस का क्या प्लान है
बुधनी विधानसभा सीट को जीतने के लिए कांग्रेस पहले भी कई बार कोशिश कर चुकी है. लेकिन , बीजेपी का यह गढ़ इतना ज्यादा मजबूत हो गया है की यहां पर कांग्रेस स्थानीय से लेकर अपने वरिष्ट नेताओं तक उतार चुकी है पर नतीजे एकतरफा ही बीजेपी के पक्ष में आते दिखते है. इस बार कांग्रेस को जो थोड़ी भी उम्मीद इस सीट पर दिख रही है वो इसिलिए है क्योंकि इस बार शिवराज सिंह चौहान यहां से चुनाव नहीं लड़ रहे है. ऐसे में कांग्रेस इसका फायदा उठाते हुए कोई राजनीतिक चमत्कार की उम्मीद में है.
बुधनी में कब है विधानसभा उपचुनाव
अभी फिलहाल बुधनी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने नहीं करी है. लेकिन , अब कुछ दिनो के अंदर ही चुनाव आयोग यहां पर चुनाव की घोषणा कर सकता है. जिसके बाद कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है.