Feb 25, 2020
भोपाल: प्रदेश सरकार वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है। आज के दिन यानी मंगलवार को एक बार फिर बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का सरकार कर्ज लेगी। इस राशि का उपयोग विकास परियोजनाओं और वित्तीय गतिविधियों में लगाई जाएगी। मध्य प्रदेश में करीबन 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता और राहत पांच प्रतिशत बढ़ाने का फैसला अभी तक नहीं हो पाया है। वहीं, धनराशि नहीं होने से विभागों के बजट में बड़ी कटौती भी करना पड़ी है। इस मामले पर मिली सूचना के अनुसार केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के पश्चात् सरकार का वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा चुका है।
एक साल में करीबन बीस हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है मप्र सरकार
आपको बता दे सरकार पहले भी सालभर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज करीबन दो लाख करोड़ रुपए का हो गया है। सरकार ने कई खर्चों पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी है। जिस कारण से प्रगतिरत काम में वित्तीय संकट के कारण रूकावट आ सकती है इस तरह की रूकावट न हो, इसलिए यह कर्ज लेने का फैसला लिया गया है। यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से दस साल के लिए लिया जा रहा है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए कर्ज किया जा रहा है। यह राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.5 फीसदी तक कर्ज लिया जा सकता है।