Mar 1, 2019
दीपेश शाह- विदिशा के शेरपुरा में रेलवे की अतिक्रमण हटाने की मुहिम से कई लोग बेघर हो गये हैं। लोगों ने इसके विरोध में जबरदस्त हंगामा किया। कई दिनों से रेलवे ओर प्रशासन की बीच की खींचतान के बाद रेलवे के अतिक्रमण का डंडा 20 से 50 साल से रह रहे रहबसियों पर चला। इस अतिक्रमण हटाने की मुहिम में कई लोग बेघर हो गए। रेलवे की अतिक्रमण हटाने की मुहिम पर लोगों ने मचाया हंगामा। वहीं रेलवे प्रशासन ने इस मुहिम को जायज़ ठहराया।
आंखों के सामने घर उजड़ता देख आँख हुई नम
शेरपुरा में रहने वाली 45 साल की महिला बता रही कि उसने अपने हाथों से अपने आशियाने की नींव रखी थी। आज आंखों के सामने अपना घर उजड़ता देख आंखे नम हो गई। महिला का कहना है पहले हमें प्रशासन ने रहने के लिए इस जगह के लिए पट्टे उपलब्ध कराए। आज रेलवे प्रशासन अतिक्रमण हटा रहा है। एक साल पहले नोटिस दिए गए थे, बताया गया था रेलवे के लिए कुछ ज़मीन ली जाएगी, पर पूरे मकान का नहीं बोला गया था। महिला अपने घर से ही होटल का व्यापार करती है जिससे पांच लोगों का परिवार का भरण पोषण इस होटल के सहारे होता है। महिला की माने तो रेलवे की इस अतिक्रमण मुहिम से उनका घर ही नहीं बल्कि उनका रोजगार भी जा रहा है।
बस्ती के लोगों ने इकट्ठा होकर किया अधिकारियों का घेराव
दूसरी तरफ शेरपुरा इलाके के निवासी बताते हैं कि हम लोगों को अतिक्रमण तोड़ने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया। अचानक आकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया, जिससे सेंकडों लोग आज बेघर हो गए हैं। वहीं इस अतिक्रमण कार्यवाही को रेलवे अधिकारी जायज कार्यवाही बता रहे हैं। मीडिया के कैमरे से बचते हुए अधिकारी कहते हैं कि यह ज़मीन रेलवे की थी, आज अतिक्रमण कार्यवाही की जा रही है। वहीं पट्टे की बात पर चुप्पी साधते हुए नज़र आये। इसी विरोध में गरीव बस्ती के सेंकडों लोगों ने इकट्ठा होकर अधिकारियों का घेराव किया। वहीं अधिकारियों का घेराव करते हुए सवाल किए, जब हम लोगों को ज़मीन पर रहने के लिए पट्टे उपलब्ध कराए तो फिर ये कैसी कार्यवाही। प्रशासन ने दूसरी जगह ज़मीन उपलब्ध कराने का अस्वासन दिया है।








