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मेडिकल कॉलेजों ने मान्यता बचाने डॉक्टरों को दिया डेजिगनेशन प्रमोशन

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Mar 15, 2018

मध्य प्रदेश सरकार का चिकित्सा शिक्षा विभाग और डॉक्टर्स एसोसिएशन एक बार आमने-सामने आ गए है क्योंकि एमसीआई के रूल के तहत प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों ने अपनी मान्यता बचाने के लिए डॉक्टरों को डेजिगनेशन प्रमोशन कर दिया है जो डॉक्टर को रास नही आ रहा है, क्योंकि इस डेजिगनेशन प्रमोशन में उनका वेतन नही बढ़ रहा है। जबकि उनके बीते पांच सालों से रैग्यूलर प्रमोशन नही हुए है। ऐसे में डॉक्टर्स एसोसिएशन खुलकर सरकार के खिलाफ मैदान में उतर आयी है। 

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों की मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता बचाने के लिए दूसरे राज्यों की तर्ज पर डेजिगनेशन प्रमोशन देना शुरू कर दिया है। इसके चलते जीआरएमसी में एमसीआई की गाइडलाइन के अनुसार 78 चिकित्सा शिक्षकों का डेजिगनेशन प्रमोशन कर दिया। डेजिगनेशन प्रमोशन में केवल डॉक्टर का पद पढ़ है, लेकिन उनके वेतन में कोई फर्क नही पढ़ा है, ऐसे में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन डेजिगनेशन प्रमोशन का विरोध कर रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष का आरोप है कि मान्यता बचाने के लिए किया डेजिगनेशन प्रमोशन किए है जबकि मेडिकल कॉलेज में बंधुआ मजदूर की तरह डॉक्टर से काम लिया जा रहा है। 

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि मान्यता बचाने के लिए डेजिगनेशन प्रमोशन किया गया है जबकि मेडिकल कॉलेज में बंधुआ मजदूर की तरह डॉक्टर काम करते है, लेकिन विभाग डॉक्टरों को धोखा दे रहा है, जबकि उसे रैग्यूलर प्रमोशन करना थे, जिससे वेतन बढ़ता है।

गजराराजा मेडिकल कॉलेज में निश्चेतना, फार्माकोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन, पीडियाट्रिक सहित अधिकांश विभागों में एसोसिएट और प्रोफेसर के पद खाली पड़े थे। जिन्हें प्रमोशन से भरा जाना था। न्यायालय में प्रकरण चलने के कारण विभाग की डीपीसी नहीं हो पा रही थी,जिसके कारण एमसीआई मान्यता रद्द करने की चेतावनी दे रहा था। इसे देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मान्यता बचाने के लिए डेजिगनेशन प्रमोशन देने के निर्णय लिया है।

·  अस्टिेंट प्रोफेसर को 15600- 39100 रूपए, GP- 7,000

·  एसोसिएट प्रोफेसर को- 37600- 64000 रूपए , GP- 9000

·  प्रोफेसर को- 37600-64000 रूपए , GP- 10,000

डॉ. केपी रंजन, पीआरओ, गजराराजा मेडिकल कॉलेज एमसीआई की गाइडलाइन के अनुसार 78 चिकित्सा शिक्षकों का डेजिगनेशन प्रमोशन कर दिया। डेजिगनेशन प्रमोशन के चलते 56 असिस्टेंट प्रोफेसरों को एसोसिएट प्रोफेसर और 22 एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर का दर्जा दे दिया गया है।

मेडिकल कॉलेज में डेजिगनेशन प्रमोशन के चलते 56 असिस्टेंट प्रोफेसरों को ,एसोसिएट प्रोफेसर और 22 एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर का दर्जा दे दिया गया है। कॉलेज में करीब 5 चिकित्सा शिक्षकों के रिसर्च पेपर पूरे न होने के कारण उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जा सका है। बहरहाल सरकार के डेजिगनेशन प्रमोशन के इस खेल पर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज की एसोसिएशन खिलाफ है क्योंकि बीते कई सालों से मेडिकल कॉलेजों में रैग्यूलर प्रमोशन नही हो रहे है, जिसके कारण उनकी पेय स्केल नही बढ़ रही है, और वे निजी चिकित्सालयों की और अपना रूख कर रहे है ऐसे में देखना होगा अब चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉक्टरों को कैसे मानता है।