Oct 23, 2016
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविधालय के शिक्षकों और रिजल्ट तैयार करने वाली कोलकाता के एक फर्म की लापरवाही सामने आई है। जिस वजह से बीएससी दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र फेल हो गए। खराब रिजल्ट आने के बाद छात्रों ने विश्वविद्याल परिसर में जमकर हंगामा किया। विश्वविद्याल प्रशासन 10 अंक से कम पाने वाले सभी छात्रों की कॉपियां फिर से चेक कराने के लिए दी गई है। वहीं 10 से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की फिजिक्स की 250 व मैथ की 100 कॉपियों की जांच कराई जाएगी।
दरअसल, पहले सेमेस्टर में प्रथम श्रेणी पाने वाले छात्र रिजल्ट देखकर हैरान थे। आधे से ज्यादा छात्रों ने आवेदन देकर आपत्ति जताई थी। जेयू अधिकारियों ने कुछ कॉपियां मंगाई और देखा तो किसी के 55 तो किसी के 45 अंक थे। जिस छात्र के 55 थे, उसे 5 और 45 वाले छात्र को 4 या 5 अंक दिए गए। उन्होंने ओएमआर सीट मंगाई तो देखा कि 55 वाले छात्र के 55 और 45 वाले छात्र के 45 अंक ही थे, लेकिन शिक्षकों ने गोले काले करते समय किसी एक अंक पर कम काला गोला किया। अधिकारियों का कहना है कि ओएमआर सीट पढ़ने(रीड) वाली मशीन कम काले गोले को रीड नहीं करती, इसलिए यह गड़बड़ हुई है। मशीन ने केवल एक अंक रीड किया और रिजल्ट में उसे वहीं अंक मिला। कोलकाता की जिस फर्म को इस साल रिजल्ट तैयार करने का काम दिया उसकी भी इसमें भारी लापरवाही रही है। उसकी मशीनों ने ओएमआर शीट को सही ढंग से रीड नहीं किया। इसलिए बड़ी संख्या में छात्र फेल हुए हैं।