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बड़े तालाब की लहरों पर खुशियों की सैर: “अपना घर” के दादा-दादी ने शिकारा में संजोए यादगार पल

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Dec 16, 2025

बड़े तालाब की लहरों पर खुशियों की सैर: “अपना घर” के दादा-दादी ने शिकारा में संजोए यादगार पल

 भोपाल के ऐतिहासिक बड़े तालाब में मंगलवार को बुजुर्गों के चेहरों पर खुशी देखते ही बन रही थी। “अपना घर” वृद्ध आश्रम से जुड़े 24 दादा-दादी ने बोट क्लब में शिकारा बोट की सैर कर एक यादगार दिन बिताया। प्रकृति के करीब बिताए गए इन पलों ने बुजुर्गों के मन को सुकून दिया और उनकी दिनचर्या में नई ताजगी घोल दी।

 शिकारा सैर से बदला बुजुर्गों का मूड

सुबह से ही बोट क्लब परिसर में खास उत्साह देखने को मिला। जैसे ही दादा-दादी शिकारा बोट पर सवार हुए, उनके चेहरों पर मुस्कान फैल गई। बड़े तालाब की शांत लहरें, ठंडी हवा और चारों ओर फैली हरियाली ने इस सैर को बेहद खास बना दिया। कई बुजुर्गों ने कहा कि लंबे समय बाद उन्हें इतना सुकून और आनंद महसूस हुआ है।

 तालाब के बीच बनीं नई यादें

शिकारा सैर के दौरान बुजुर्गों ने आपस में बातचीत की, पुराने अनुभव साझा किए और यादगार तस्वीरें भी खिंचवाईं। कुछ दादा-दादी के लिए यह पहला मौका था, जब उन्होंने शिकारा में बैठकर बड़े तालाब की खूबसूरती को नजदीक से देखा। उनके लिए यह पल जीवन की अनमोल यादों में शामिल हो गया।

 माधुरी मिश्रा का भावुक संदेश

कार्यक्रम की आयोजक और “अपना घर” की संचालक माधुरी मिश्रा ने कहा कि बुजुर्ग हमारे समाज की जड़ हैं। उन्होंने बताया कि बड़े तालाब के बीच बहती ठंडी हवा और शांत वातावरण ने दादा-दादी को मानसिक शांति दी। उनका कहना था कि इस तरह की गतिविधियां बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान लाने के साथ-साथ उन्हें अपनापन और सम्मान का एहसास कराती हैं।

 खुशहाल और सम्मानजनक जीवन की पहल

आयोजकों के अनुसार, “अपना घर” परिवार का उद्देश्य बुजुर्गों को सिर्फ आश्रय देना नहीं, बल्कि उन्हें सक्रिय, खुशहाल और गरिमापूर्ण जीवन देना है। बोट क्लब में आयोजित यह शिकारा सैर उसी सोच का हिस्सा रही, जिसने दादा-दादी के मन में नई ऊर्जा और खुशी भर दी।

 

 

Report By:
Monika