Loading...
अभी-अभी:

जी राम जी’ विधेयक: मनरेगा की जगह नया कानून, लोकसभा में विपक्ष का तूफानी विरोध

image

Dec 16, 2025

जी राम जी’ विधेयक: मनरेगा की जगह नया कानून, लोकसभा में विपक्ष का तूफानी विरोध

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को बदलने वाला विधेयक पेश किया गया। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ यानी संक्षिप्त में ‘विकसित भारत जी राम जी’ बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया। इस विधेयक में ग्रामीण परिवारों को सालाना 125 दिन के रोजगार की गारंटी का प्रावधान है, जो मौजूदा मनरेगा के 100 दिनों से ज्यादा है। सरकार इसे विकसित भारत 2047 के विजन से जोड़कर पेश कर रही है, लेकिन विपक्ष ने इसे मनरेगा को कमजोर करने और महात्मा गांधी का नाम हटाने की साजिश बताया। सदन में भारी हंगामा हुआ और विपक्षी सांसदों ने विधेयक वापस लेने या स्थायी समिति को भेजने की मांग की।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

यह नया कानून मनरेगा की जगह लेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को अधिक संरचित बनाने का दावा करता है। इसमें केंद्र और राज्यों के बीच फंडिंग का अनुपात बदलकर 60:40 करने का प्रस्ताव है। काम की योजना अब केंद्र ज्यादा तय करेगा, जबकि पहले ग्राम पंचायतें फैसला लेती थीं। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और जल संरक्षण, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों पर फोकस होगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हम गांधीजी का पूरा सम्मान करते हैं, वे हमारे दिल में बसते हैं। राम नाम से क्यों भड़क रहे हैं? गांधीजी के अंतिम शब्द भी ‘हे राम’ थे।”

विपक्ष का जोरदार विरोध

विपक्षी दलों ने विधेयक को गरीब विरोधी और अधिकार छीनने वाला करार दिया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “नाम बदलने की यह सनक क्यों? इससे करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। मनरेगा ने गरीबों को 100 दिन का अधिकार दिया था, यह बिल उसे कमजोर करेगा। मजदूरी नहीं बढ़ाई, लेकिन दिन बढ़ा दिए। ग्राम पंचायतों का अधिकार छीना जा रहा है।” मनीष तिवारी ने तंज कसा, “गांधीजी को राम से अलग कर रहे हैं, जबकि उनके अंतिम शब्द हे राम थे। योजना का बोझ राज्यों पर डालकर इसे खत्म कर देंगे।”

समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव और अखिलेश यादव ने नाम बदलने को व्यर्थ बताया। अखिलेश ने कहा, “महंगाई में मजदूरी बढ़ानी चाहिए, किसानों को जोड़ना चाहिए, लेकिन पूरा भार राज्यों पर डाल रहे हैं। कई राज्यों को मनरेगा का पैसा ही नहीं मिला। नाम बदलने से बड़ा काम नहीं होता।”

सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, और इस विधेयक पर आगे बहस होने की उम्मीद है।

Report By:
Monika