Dec 2, 2025
मध्यप्रदेश में निकाय अध्यक्षों का चुनाव अब जनता सीधे चुनेगी
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बड़ा बदलाव हुआ है। राज्य में नगरपालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों का चुनाव अब अप्रत्यक्ष की जगह प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी अब जनता खुद अपने हाथ से मेयर और अध्यक्ष चुन सकेगी।
विधानसभा से बहुमत के साथ पास हुआ संशोधन विधेयक
मंगलवार को मध्यप्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक-2025 विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधेयक प्रस्तुत किया। मोहन सरकार की कैबिनेट ने पहले ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद 2027 में होने वाले निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए सीधे मतदान होगा। अभी तक पार्षद चुनते थे और फिर पार्षद मिलकर अध्यक्ष चुनते थे। यह व्यवस्था अब खत्म हो जाएगी।
राइट टू रिकॉल की अवधि बढ़ी, सदन में तीखी बहस
विधेयक में राइट टू रिकॉल की समय-सीमा को ढाई साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच जोरदार बहस हुई। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मूल कानून दिग्विजय सिंह सरकार ने ही राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए बनाया था। आज उसी कानून को मजबूत करने पर राहुल गैंग विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन साल की अवधि लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी तथा जनता को बेहतर जवाबदेही मिलेगी।
इस बदलाव से राज्य की करीब 400 से ज्यादा नगर पालिकाओं-परिषदों में सीधा लोकतंत्र लागू होगा। 2027 के निकाय चुनाव अब और रोचक होने की उम्मीद है।







