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बिगड़े हालात संभालने की कोशिशें, रेंगने लगे वाहन

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Feb 17, 2023

कुबेरेश्वर धाम में दूसरे दिन कल की घटनाओं से सबक लेने की कोशिशें, जाम से थोड़ी राहत
रूद्राक्ष वितरण रूका, प्रशासन अलर्ट पर

भोपाल / सीहोर। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन मची जबर्दस्त अव्वयस्थाओं के चलते आज प्रशासन ज्यादा मुस्तैद नजर आ रहा है, लेकिन व्यवस्थाएं पूरी तरह सिरे नहीं चढ़ सकी हैं। आज भी जमकर भीड़ और इंतजामों की विफलता का नजारा सभी ओर नजर आ रहा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे हैं लोकिन फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया है।

अलबत्ता भोपाल-इंदौर मार्ग पर वाहन किसी तरह चलनेभर लगे हैं। कल यहां 25 किमी तक जाम था। वहीं दर्जनभर से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं यह अपनों से बिछड़ गये हैं। समारोह स्थल पर माइक से इनकी मुनादी कराई जा रही है। कल भी रुद्राक्ष की आस में दिनभर लोग लाइन में लगे रहे, लेकिन रुद्राक्ष नसीब नहीं हो पाया। खास बात यह है कि प्रशासन ने पिछले वर्ष भीमची अव्यवस्था से कोई सबक नहीं लिया और कल भी हालात काबू से बाहर हो गये।  मुख्यमंत्री को भी वहां पहुंचने का कार्यक्रम बदलना पड़ा। सूत्रों का कहना कहना है कि कल शाम की घटना के बाद से प्रशास और सरकार सतर्क हुई और दिशा निर्देशों तथा अतिरिक् वैकल्पिक इंतजामों को तेजी से जुटाया गया। आज भी सुबह से ही धाम पर फिर से रुद्राक्ष लेने वाले लाइन में लग गए। इतनी है कि यहां पैर रखने तक की जगह नहीं है। हालात यह हैं कि लाखों लोग आयोजन स्थल पर मौजूद हैं। हालांकि कल से उलट आज इंदौर-भोपाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के हालात नहीं हैं। । पहले दिन भारी अव्यवस्थाओं का आलम रहा। यहां आए कई लोगों की आंख से आंसू तक छलक आए। रुद्राक्ष की आस मे दिनभर लोग लाइन में लगे रहे, लेकिन रुद्राक्ष नसीब नहीं हो पाया। रातभर भक्तों की आवाजाही लगी रही। शुक्रवार सुबह से ही धाम पर फिर से रुद्राक्ष लेने वाले लाइन में लग गए। । भीड़

रात से हुई सख्ती तो रेंगे वाहन
आज तमाम सुधार के बाद भी भोपाल से सीहोर तक सड़क की दोनों और करीब दस किमी से ज्यादा की वाहनों | की लंबी कतार दिख रही है। लेकिन भोपाल से सीहोर और | भोपाल से आष्टा की ओर सड़क पर वाहनों की आवाजाही शुरू कराने कराने देर रात से पुलिस सक्रिय हुई थी। हालांकि वह बहुत धीमी गति से ही चल पा रहे हैं। इसकी वजह कुबेरेश्वर धाम जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ का सड़क पर चलना है। वहीं | बैरिकेडिंग टूटने के कारण समिति ने फिलहाल वितरण बंद करने का फैसला लिया है। अब बैरिकेडिंग सही होने के बाद ही दोबारा से रुद्राक्ष का वितरण शुरू किया जाएगा। इतनी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। हालात यह हैं कि 5 से 6 लाख लोग आयोजन स्थल पर मौजूद हैं। उधर, इंदौर-भोपाल हाईवे की हालत दयनीय है। भीड़ के कारण यहां वाहन दौड़ने की जगह रेंग-रेंग कर आगे बढ रहे हैं।

भक्तों की व्यथा-कथा
कई राज्यों से यहां पहुंचे भक्त बेहाल है लेकिन श्रध्दा कम नहीं हो रही। एक महिला भक्त ने कहा- इतनी अव्यवस्था होगी यह कल्पना से परे है, यहां पीने का पानी तो छोड़िए बाथरूम तक में ताले लगे मिले। बताया जाता है कि यहां कल लोगों को रुद्राक्ष फेंककर भी दिये गये इसे लपकने की होड में कई बुजुर्ग समेत लोग गिर गये या दब गए। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि जब 16 तारीख से रुद्राक्ष देने की बात कही थी, तो 15 तारीख को क्यों इन्हें बांटना शुरू किया गया।

तेज धूप -पानी की किल्लत
पानी की बोतले जुगाड़ करना आज भी लोगों को भारी पड़ रहा है। वहीं ऑटो वाले एक-एक व्यक्ति से 500-500 रुपए ले रहे हैं।मोबाइल नेटवर्क भारी भीड के चलते ठीक से काम नहीं कर रहा है। धूप तेज है और यहां बैठने की जगह कम पड़ रही है। लोग चार से पांच किमी तक पैदल चलने पर मजबूर र हैं। वहीं सीहोर के आला अफसरों का कहना है शिवपुराण कथा के नाम पर अनुमति ली गई थी। समिति ने 5 से 6 लाख लोगों के आने का अनुमान बताया था, फिर भी हमने 10 लाख लोगों के लिए धाम में जाने और बाहर आने के इंतजाम किए थे। सुबह से भीड़ बढती गई और दोपहर 12 बजे तक करीब 20 लाख लोग पहुंच गए। लिहाजा कंट्रोल मुश्किल हो गया है।

भीड़ से फसलें हो रहीं बर्बाद
कुबेरेश्वर के आसपास के किसानों को भी दिक्कत हो रही है,तथा नुकसान भी हो रहा है। दरअसल जिनके खेतों से होकर श्रद्धालु आ रहे हैं और उनके खेत में खड़ी चने की फसल को भी तोडकर खा रहे हैं या रौंद रहे हैं। बताया जाता है कि कल मची अफरातफरी के बीच करीब 15 लोग लापता हो गए। लोग अपनों की तलाश में कोतवाली के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है।