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ट्राइबल म्यूजियम और सांची का बौद्ध स्तूप देखेंगे विदेशी मेहमान

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Jan 15, 2023

जी-20 बैठक में आ रहे अतिथि जानें मध्यप्रदेश की खूबियां

भोपाल। जी-20 की मध्यप्रदेश में भी हो रही बैठकों को लेकर मप्र की शिवराज सरकार काफी उत्साहित व सतर्क है। भोपाल में 16 और 17 जनवरी को हो रही दो दिनी बैठक महत्वपूर्ण है। इसमें 22 देशों के 94 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा है कि भारत को अतिथियों के समक्ष मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति, व्यंजन, आतिथ्य परम्परा ही शहर की स्वच्छता की झलक भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने बैठक से जुड़ी तैयारियों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए व कहा कि उत्पाद, कोदो-कुटकी जैसे उत्पादों से बने व्यंजनों की जानकारी प्रदर्शनी और साहित्य के माध्यम से प्रदान की जाए। भारतीय व्यंजनों अतिथियों को मिले, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। मध्यप्रदेश के पर्यटन, वन्य जीवन, पुरावैभव और सुशासन सहित अन्य क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों की जानकारी भी प्रतिभागियों तक पहुंचाई जाए।

सजेंगे भोपाल के कई स्थल
बताया जाता है कि तेजी से दो दिवसीय बैठक से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर के विभिन्न स्थानों की साज सज्जा की जाएगी। अन्य राज्यों से लगभग 100 और मध्यप्रदेश के 100 अतिथि मिलाकर कुल 300 अतिथियों की भागीदारी रहेगी। जी-20 के अंतर्गत थिंग - 20 की इस बैठक की थीम पर्यावरण सम्मत जीवन शैली नैतिक मूल्य तथा सुमंगलमय युक्त वैश्विक सुशासनफ़ रखी गई है। बैठक शामिल हो रहे अन्य देशों के अतिथियों में सर्वाधिक अमेरिका के अतिथि शामिल हैं। यूके, ब्राजील, इंडोनेशिया, जर्मनी, फ्रांस, चीन, कनाडा, इटली, अर्जे ? टीना, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, टर्की और मेक्सिको के अतिथियों के साथ दक्षिण एशिया के देशों बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के प्रतिनिधि और यूएनडीपी, यूनीसेफ एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के 22 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। अतिथियों को बैतूल की प्रख्यात बेल मेटल (ढोकरा कला) से निर्मित कलाकर्ति उपहार के रूप में दी जाएगी।

जी-20 के अतिथि देखेंगे बौद्ध स्तूप को
बताया जाता है कि जी -20 की दो दिवसीय बैठक में आ रहे प्रतिनिधियों को भोपाल के | श्यामला हिल्स स्थित जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण करवाया जाएगा। अतिथि रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल सांची भी जाएंगे। सांची के बौद्ध स्तूप पर जी-20 के लोगो का प्रदर्शन विशेष विद्युत सज्जा के माध्यम से किया गया है। भोपाल से सांची | जाने के लिए अतिथि बीएचईएल, आनंद नगर, रायसेन के ऐतिहासिक किले के पास के मार्ग से निकलेंगे। पगनेश्वर सलामतपुर तिराहा, ढकना चपना होते हुए वे सांची पहुंचेंगे। इस मार्ग पर हजारों बरस पुराने चित्रित शैलाश्रय भी हैं। इस मार्ग पर जन सामान्य द्वारा अतिथियों का स्वागत भी किया जाएगा।