Sep 14, 2020
इंदौर। एजुकेशन हब कहलाने वाले इंदौर शहर में उच्च शिक्षा मंत्री ने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इंदौर संभाग के महाविद्यालयों के प्राचायों से संवाद करते हुए मंत्री ने उनकी परेशानियों को सूना और उसका निराकरण भी किया। वही पत्रकारों से चर्चा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने नयी शिक्षा नीति को भविष्य के लिए सार्थक पहल बताया। वही अतिथि विद्वानों के मामले पर मंत्री ने कहा कि 2500 अतिथि विद्वानों में से 1780 विद्वानों को सेवाओं में लिया है। फिलहाल 700 से अधिक अतिथि शिक्षक बचे हैं, जिनकी भर्ती को लेकर भी विचार किया जा रहा है।
डॉ मोहन यादव ने कहा कि कोरोना काल के बीच प्रदेश द्वारा अपनाई जा रही शिक्षा पध्दति को अन्य राज्य भी अपना रहे है। प्रदेश में हो रही ओपन बुक परीक्षा पद्धति को 13 राज्यों ने अपनाया है। बच्चों को पढ़ने का मौका मिले इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में मात्र 1 हजार रुपए में कॉलेजों में प्रवेश देने की शुरुआत की गयी है। वही मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 20 कॉलेजों को ए प्लस केटेगरी में लाने के प्रयास करेंगे।
मंत्री यादव के अनुसार राज्य सरकार प्रदेश के 200 महाविद्यालयों को विश्वविद्यालयों का रूप देगी ताकि ये कॉलेज खुद ही परीक्षा आयोजित करा सकेंगे और रिजल्ट भी जारी कर सकेंगे। ओपन बुक पद्धति की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है, रिजल्ट तैयार करने के लिए पिछली 2 कक्षाओं के एवरेज मार्क्स और अंतिम वर्ष के 50 फ़ीसदी नंबरों को आधार बनाया जाएगा।







