Aug 8, 2024
नगरीय प्रशासन और आवास विभाग के सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के तहत स्थानीय निकायों को मानसून से पहले जर्जर मकानों की पहचान कर उनके मालिकों को नोटिस देने का अधिकार है. स्थानीय निकायों को जर्जर मकानों को गिराने का भी अधिकार है.
सागर जिले में दीवार गिरने की घटना में नौ बच्चों की मौत के बाद सरकार ने प्रदेश भर में जर्जर मकानों की पहचान करने का फैसला किया है. अगर सुरक्षा कारणों से मकान मालिकों द्वारा मकान खाली नहीं किए गए तो उनकी बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी जाएगी. बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जर्जर मकानों के मुद्दे पर चर्चा की गई. नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के तहत स्थानीय निकायों को मानसून से पहले जर्जर मकानों की पहचान कर उनके मालिकों को नोटिस देने का अधिकार है. स्थानीय निकायों को जर्जर मकानों को गिराने का भी अधिकार है.
भोपाल नगर निगम (बीएमसी) के चेयरमैन किशन सूर्यवंशी ने बताया कि करीब 3000 जर्जर मकानों के मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं. बुधवार को उन्होंने जर्जर मकानों को लेकर बैठक बुलाई और बीएमसी कमिश्नर हरेंद्र नारायण को निर्देश दिए कि वे जर्जर स्कूलों और मकानों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करें. अगर इमारतें बहुत जर्जर हैं तो उन्हें खाली कराने के लिए ठोस निर्णय लिए जाएंगे.
इस बीच, उज्जैन के मेयर मुकेश टटवाल ने कहा, 'उज्जैन में करीब 50 मकान हैं, जो जर्जर हालत में हैं. इनमें से दो मकानों को गिरा दिया गया है. सुरक्षा के लिहाज से कुछ मकानों को सील कर दिया गया है.'
सूत्रों की माने तो सभी नगर निगमों में कई जर्जर मकान और इमारतें हैं, जिनमें लोग जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं.