Sep 14, 2024
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक स्थलों के आसपास और नर्मदा किनारे स्थित पवित्र नगरों में मांसाहारी भोजन तथा शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. शुक्रवार को नर्मदा के समग्र विकास पर गठित मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यादव ने यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक तथा नदी के अन्य स्थानों से गुजरने वाले किसी भी आवासीय क्षेत्र से नदी में सीवेज का पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए. इसके लिए समय-सीमा में योजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए. यादव ने कहा कि सॉलिड वेस्ट के निपटान के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए. नदी के उद्गम स्थल से दूर किसी क्षेत्र में सैटेलाइट सिटी बसाने का निर्णय भी लिया गया है. अमरकंटक में नर्मदा से संबंधित सभी कार्य अमरकंटक विकास प्राधिकरण के माध्यम से किए जाएंगे.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नर्मदा नदी के आसपास और आस-पास के क्षेत्रों में होने वाली सभी गतिविधियों पर ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी की मदद से नजर रखी जाएगी. यादव ने कहा कि नदी में किसी भी तरह की खुदाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए. नदी की परिक्रमा करने वालों की मदद के लिए नदी की परिक्रमा का मार्ग विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नर्मदा दुनिया की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा लोग करते हैं. उन्होंने कहा कि परिक्रमा पथ पर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के काम ग्राम पंचायतों के माध्यम से भी किए जाने चाहिए. यादव ने कहा कि नदी की परिक्रमा करने वालों को उचित भोजन और रहने की व्यवस्था की जानी चाहिए और युवाओं को होमस्टे विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. यादव ने कहा कि नर्मदा विकास कार्यों में सरकारी एजेंसियों के अलावा स्वयंसेवी संगठनों, आध्यात्मिक संगठनों, धार्मिक गुरुओं और आम आदमी को भी शामिल किया जाना चाहिए.