Apr 8, 2023
उधर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की आउट सोर्सिंग से भर्ती को लेकर विवाद बढ़ रहा है। कल कर्मचारी यहां इस मामले के अलावा अन्य मुद्दों पर आक्रोश रैली भी निकालने वाले हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि सरकार ने इस कदम से कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं। और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक वेतन पर काम करने का मौका मिलता है जो वंचित तबकों से आते हैं और जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता। अब नियमित रोजगार का एक बहुत बड़ा क्षेत्र हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। नाथ ने कहा कि 'डर इस बात का भी है कि आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में योग्य अभ्यर्थियों की जगह भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भर सकती है और नौजवानों के साथ बेईमानी कर सकती है।'
सभी विभागों में होना है भर्ती
दरअसल राज्य के वित्त विभाग ने 8 बिंदुओं के आदेश जारी करके सभी 52 शासकीय विभागों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउट सोर्स से भर्ती करने के निर्देश हाल में दिए हैं। जबकि बताया यह जाता है कि सामान्य प्रशासन विभाग 7 अक्टूबर 2016 को विभागों को निर्देश दिए थे कि चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित नियुक्ति की जाए। मगर इस पर अमल नहीं हुआ तथा इसकी समयावधि जो महज 1 वर्ष थी वह बीत गई। जिस कारण 48 हजार स्थाई कर्मियों को शासकीय विभागों के रिक्त चतुर्थ श्रेणी के हजारों पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं मिल पाई है।