Dec 15, 2025
बाबा महाकाल के गर्भगृह में चमका चांदी का नया द्वार: 20 साल बाद भव्य बदलाव
मयंक गुर्जर उज्जैन। मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में एक महत्वपूर्ण और भव्य बदलाव हुआ है। मंदिर के गर्भगृह में लगभग 20 वर्षों बाद नया द्वार स्थापित किया गया है, जो पूर्ण रूप से 25 किलोग्राम शुद्ध चांदी से निर्मित है। यह नया द्वार रविवार को संध्या आरती के दौरान विधि-विधान पूर्वक स्थापित किया गया, जिससे मंदिर की दिव्यता और भी बढ़ गई है।
द्वार की अनोखी कलाकारी और डिजाइन
नए द्वार पर बेहद सुंदर और पारंपरिक कलाकृतियां उकेरी गई हैं। शीर्ष भाग पर दो नंदी की आकृतियां बनी हैं, उसके नीचे पवित्र 'ॐ' चिह्न, फिर त्रिशूल और सबसे निचले हिस्से में कलश की सुंदर आकृति अंकित है। इसके अलावा दोनों ओर फूलों और बेलबूटों की बारीक नक्काशी की गई है, जो द्वार को और अधिक आकर्षक बनाती है। यह द्वार लकड़ी की आधार पर चांदी की मढ़ाई से तैयार किया गया है।
जयपुर के कारीगरों की कला और भक्त का दान
यह भव्य द्वार राजस्थान के जयपुर शहर के कुशल कारीगरों द्वारा बनाया गया है। गर्भगृह के पत्थर वाले आंतरिक और बाहरी परिसर को ध्यान में रखते हुए सटीक माप के अनुसार इसकी डिजाइन तैयार की गई। इस द्वार को कोलकाता निवासी भक्त निभा प्रकाश ने दान स्वरूप मंदिर को समर्पित किया है। उन्होंने पिछले महीने इसे दान किया था, जिसकी अनुमानित कीमत चांदी के वर्तमान बाजार भाव से 50 लाख रुपये से अधिक है।
मंदिर समिति का स्वागत और सत्कार
मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने भक्त निभा प्रकाश का विशेष स्वागत और सत्कार किया। निभा प्रकाश ने सभामंडप में द्वार का पूजन करवाया और फिर इसे गर्भगृह में स्थापित किया गया। मंदिर पुजारी भूषण व्यास ने बताया कि इतने लंबे अंतराल के बाद यह बदलाव भक्तों की आस्था को और मजबूत करेगा।
महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों के ऐसे दान की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है, जो बाबा महाकाल की कृपा का प्रतीक है।







