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सरकारी वकील नियुक्त करने के लिए विभागों के बीच खींचतान 

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Feb 19, 2023

भोपाल। सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति के लिए विभिन्न विभागों में होड़ मची हुई है और प्रस्ताव सीधे प्रमुख सचिव (विधि) को भेजे जा रहे हैं, विधि विभाग ने इस पर आपत्ति जताई है. इस बीच, हाईकोर्ट में नियुक्त लोक अभियोजकों का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिए कई वकील जुटे हैं और विभिन्न विभागों के प्रमुखों और प्रभावशाली लोगों के माध्यम से सीधे प्रधान विधि सचिव को विवरण के साथ पत्र भेजकर सिफारिशें कर रहे हैं. उनकी नियुक्ति की जा सकती है।नियुक्ति के लिए अलग प्रक्रिया है, जिसका वर्णन परिपत्र दिनांक 11-8-2014 में किया गया है, लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार कर कई अनुशंसाएं व प्रस्ताव प्रमुख विधि सचिव के पास हस्ताक्षर के लिए पहुंच रहे हैं।

प्रक्रिया का पालन न करने के कारण इन सिफारिशों/सुझावों की जांच नहीं की जा रही है। हालांकि इसके चलते विधि एवं कानूनी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव बी.के. द्विवेदी ने पत्र जारी कर सभी सरकारी विभागों को प्रक्रिया का पालन करने और ऐसे प्रस्ताव सीधे नहीं भेजने को कहा है. इस बीच, पिछले साल सरकार ने सरकारी वकीलों को उनकी ओर से उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के समक्ष पेश होने के लिए नियुक्त किया था, जिनका कार्यकाल 16 फरवरी को समाप्त हो रहा था।

इससे कई अधिवक्ता अपने-अपने स्तर पर नई नियुक्तियां लेने में लगे हुए थे, लेकिन नई नियुक्तियों पर सहमति नहीं बन पाई और सरकार ने तत्काल इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में कार्यरत वकीलों का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया. वेतन वृद्धि इधर, कार्यकाल विस्तार के बाद भी इन पदों के लिए कई दावेदार विभिन्न स्तरों पर अपनी नियुक्ति के लिए प्रयास और जॉकी कर रहे हैं ताकि भविष्य में उनके दावों को बरकरार रखा जा सके। अब अधिवक्ताओं की नई सूची संभवत: मार्च के दूसरे पखवाड़े में जारी की जाएगी।