Sep 2, 2022
उत्तराखंड सरकार जल्द ही नए सात जिलों का गठन करने जा रही है। इसके लिए पुष्कर सिंह धामी की सरकार जल्द ही जनता से सुझाव ले सकती है। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी वार्ता की जाएगी। आपको बता दें कि उत्तराखंड को अपने नए जिलों की दरकरार थी, जिसको लेकर सीएम ने जमीनी स्तर पर जनप्रतिनिधियों को उतारने की बात कहीं है।
लंबे समय से उठ रही है नए जिलों की मांग
उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि 'उत्तराखंड में लंबे समय से नए जिलों के गठन की मांग चली आ रही है। इसके तहत, ऋषिकेश, पुरवा, रुड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट शहरों पर विचार किया जा रहा है।' साथ ही पुष्कर सिंह धामी ने संकेत दिए है कि गढ़वाल में चार तो कुमाऊं मंडल में तीन नए जिले बन सकते हैं।
2011 में 4 नए जिले बनाने की हुई थी घोषणा
राज्य के गठन के 11 साल बाद 2011 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उस वक्त के प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 नए जिले बनाने की घोषणा की थी। यमुनोत्री उत्तरकाशी से, कोटद्वार पौड़ी से, डीडीहाट पिथौरागढ़ से, रानीखेत अल्मोड़ा से नए जिले बनने थे। दिसंबर 2011 में नए जिलों के गठन का जीओ जारी किया गया, लेकिन विधानसभा चुनाव होने के बाद जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए और भाजपा की सरकार भी दोबारा सत्ता में नहीं आई। कांग्रेस सरकार आने के बाद नए जिलों के गठन का मामला किसी बक्से में बंद कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कि थी कमिश्नरी की घोषणा
मार्च, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को तीसरी कमिश्नरी बनाने की घोषणा थी। इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले को शामिल किया गया था। जिसके बाद अल्मोड़ा से गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने को लेकर बहस छिड़ गई। इस बीच त्रिवेंद्र रावत की सरकार गिर गई और तीरथ रावत के सीएम बनने से यह मसला ठंडा पड़ गया।