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मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ED की जांच प्रक्रिया को ठहराया सही

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Jul 27, 2022

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। SC ने  पीएमएलए के तहत ED के गिरफ्तार करने के अधिकार को बरकरार रखा है। कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि ईडी की गिरफ्तारी प्रक्रिया अवैध नहीं है। जज एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच के इस फैसले से विपक्ष के कई बड़े नेताओं को गहरा सदमा पहुंचा है।

आरोपी को शिकायत की कॉपी देना जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ईडी की जांच, गिरफ्तारी और प्रोपर्टी को अटैच करने के अधिकार को सही ठहराते हुए कहा कि जांच के दौरान दर्ज हुए बयान भी वैध सबूत माने जाते है। साथ ही बेंच ने आरोपी को शिकायत की कॉपी देने से भी इंकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि आरोपी को यह बता देना ही काफी है कि उसे किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके अलावा याचिका में बेल की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया गए थे, लेकिन कोर्ट ने बेल की शर्तों को भी चेंच नहीं किया है।

मुफ्ती ने PMLA की धारा 50 को दी चुनौती
कार्ति चिदंबरम और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रावधानों को चालेंज करते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। मुफ्ती ने धारा 50 के कानूनी अधिकारों और 2002 के किसी भी आकस्मिक प्रावधानों को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं का मानना था कि PMLA कानून के तहत गिरफ्तारी, जमानत देने, संपत्ति जब्त करने का अधिकार CrPC के दायरे में नहीं आता है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले दायर याचिकाओं में PMLA एक्ट को असंवैधानिक बताया था, लेकिन  अब सुप्रीम कोर्ट ने PMLA एक्ट के तहत ईडी के अधिकारों को जायज बताया है।