Feb 14, 2021
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आंतकी हमले में 44 जवान शहीद हुए थे। 2 साल बाद भी जख्म भरे नहीं और शायद ही कभी भर सकते है।जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के अवन्तीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। गोरीपुरा गांव के पास हुए इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे। आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदी गाड़ी सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस से टकरा दी थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पुलवामा हमला कश्मीर में 30 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। हमले को आदिल डार ने अंजाम दिया था जो जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी था। जांच में पता चला था कि आतंकियों ने हमले के लिए 350 किलो IED का इस्तेमाल किया था।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों की मौत के बाद भारत ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन किया था। इसका जवाब देते हुए विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का विमान पाकिस्तानी सीमा में क्रैश हो गया था और कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में आ गए थे। भारत के दवाब के बाद 1 मार्च 2019 को उन्हें रिहा किया गया था।