Jul 23, 2022
जिस तरह सबका साथ छोड़ रहे अखिलेश यादव, उस तरह से लग रहा है कि 2024 के रण में यूपी में बीजेपी से अकेले ही मुकाबिल होंगे....पता नहीं क्या बात है कि समाजवादी पार्टी का कोई भी गठबंधन टिक नहीं पा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 और उसके बाद आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद से अखिलेश यादव का छोटे दलों को साथ ले बड़ी लड़ाई लड़ने का प्रयोग भी असफल होता नज़र आ रहा है। महानदल के बाद ओमप्रकाश राजभर भी सपा को ठेंगा दिखा रहे हैं। सवाल है सपा का अब आगे क्या?
वीओ: अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के साथ जोड़ी बनाई थी लेकिन ये जोड़ी फ्लॉप हो गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती को 26 साल बाद सपा-बसपा गठबंधन के लिए राजी कर उन्होंने यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी थी लेकिन इस बार जातीय ध्रुवीकरण का ये दांव भी फेल रहा। 2022 के चुनाव में उन्होंने जयंत चौधरी की रालोद, ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और केशव देव मौर्य की महान दल जैसी छोटी-छोटी पार्टियों को साथ लाकर एक नया गठबंधन तैयार किया लेकिन बीजेपी की प्रचंड लहर के सामने यह भी बिखर गया। अब ये छोटी पार्टियां भी सपा को ठेंगा दिखा दी है। वहीँ जिस तरह आम आदमी पार्टी यूपी में पैर पसार रही उससे साफ़ लग रहा है कि इसका भी सीधा नुकसान सपा को ही उठाना पड़ेगा। ऐसे में सपा के लिए बहुत कठिन है डगर पनघट की।








