Mar 5, 2020
नागरिकता संशोधन अधिनियम बनने के दो महीने बाद भी अब तक सामान्य तरीके से नागरिकता देने की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पाई है। कारण यह है कि अभी नागरिकता संशोधन कानून 2019 के तहत नए आवेदनपत्र का खाका ही तैयार नहीं हो पाया है। गृह मंत्रालय फिलहाल ऑनलाइन मौजूद नागरिकता अधिनियम 1955 वाले पुराने आवेदन पत्र में आवश्यक परिवर्तन करने में जुटा हुआ है।
अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता
सूत्रों का कहना है कि आवेदन के प्रारूप में परिवर्तन के बाद अप्रैल-मई से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जा सकेगी। हालांकि, यहां बताना आवश्यक है कि गृह मंत्रालय 20 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान से आए सात शरणार्थियों को नागरिकता देकर कानून को प्रतीकात्मक रूप से लागू कर चुका है। इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने समाचार आईएएनएस को जानकारी देते हुए बताया है कि, इस संबंध में गृह राज्यमंत्री और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता हुई है।
तैयारियों में लगा गृह मंत्रालय
उन्होंने कहा कि प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए गृह मंत्रालय तैयारियों में लगा हुआ है। पता चला है कि ऑनलाइन आवेदन के प्रोफॉर्मा में कुछ आवश्यक परिवर्तन किए जाने हैं। ये बदलाव पूरे होने के बाद ऑनलाइन आवेदन आरंभ होंगे। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 वह कानून है जिसके जरिए 1955 के नागरिकता कानून में संशोधन कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता प्रदान करता है.