Jul 17, 2024
बीजेपी की प्रदेश कमेटी की बैठक के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है. सरकार से बड़ा संगठन होने की बात करते हुए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है. हालांकि, दिल्ली बुलाकर भी उन्होंने साफ कर दिया है कि वह अपनी बात पर कायम हैं.
यूपी में पिछले 3 दिनों से सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से पिछले 3 दिनों से सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. बीजेपी क्षेत्रीय समिति की बैठक के दौरान केशव प्रसाद मोर्या ने कहा कि 'सरकार से बड़ा संगठन है. कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है. संगठन से बड़ा कुछ नहीं है. कार्यकर्ता गौरव है.' इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. हालांकि, दिल्ली बुलाने के बाद भी केशव प्रसाद मोर्या अपनी बात पर अड़े रहे.
उत्तर प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है
डिप्टी सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार से बड़ा संगठन है. केशव प्रसाद मौर्य के कार्यालय की ओर से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में केशव के बयान का जिक्र किया गया. हालांकि, इस बार इसे बिना वीडियो के पोस्ट किया गया है. खास बात यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की बैठक से पहले यह बयान एक बार फिर मीडिया में आया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए.
उनके इस बयान की अलग-अलग व्याख्याएं हो रही हैं
जिस वक्त केशव प्रसाद मौर्य ने अपना बयान दिया उस वक्त मंच पर मुख्यमंत्री योगी और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी मौजूद थे. उनके इस बयान की अलग-अलग व्याख्याएं हो रही हैं. कोई कह रहा है कि केशव प्रसाद ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसा कहा है तो कोई कह रहा है कि सरकार की नाराजगी के चलते उन्होंने ऐसा कहकर सीधे तौर पर योगी को चुनौती दी है. केशव प्रसाद मौर्य और भूपेन्द्र चौधरी मंगलवार (16 जुलाई) को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंचे. दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई.
2017 में यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे मौर्य
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान केशव प्रसाद मौर्य अध्यक्ष थे. और उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. केशव प्रसाद मौर्य भी सीएम की रेस में थे. लेकिन अचानक योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया. और उन्हें डिप्टी सीएम पद से ही संतोष करना पड़ा. कहा जाता है कि यहीं से दोनों के बीच अनबन शुरू हुई जो अब तक जारी है. फिर 2022 में बीजेपी तो जीत गई लेकिन केशव अपनी सीट हार गए. हार के बावजूद उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया.