Jul 11, 2024
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उनकी बैठक के महज 5 दिन बाद केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब स्थापित करने की प्रमुख मांग स्वीकार कर ली है. चंद्रबाबू नायडू ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की और राज्य में रिफाइनरी स्थापित करने की संभावना पर चर्चा की. अब लोगों की नजरें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हैं. क्योंकि केंद्र सरकार में टीडीपी के साथ जेडीयू की भी अहम भूमिका है.
बजट में रिफाइनरी को लेकर आधिकारिक घोषणा हो सकती है
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑयल रिफाइनरी के लिए तीन जगहों पर चर्चा हुई है. इसमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामाइपट्टनम शामिल हैं. 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में रिफाइनरी को लेकर आधिकारिक घोषणा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, स्थानों का मूल्यांकन किया जाएगा और फिर अंतिम रूप दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे.
यह मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के लिए बड़ी जीत है. क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात के दौरान रिफाइनरी लगाने पर जोर दिया था. उनके 16 सांसद बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का समर्थन करते हैं. हालाँकि, नायडू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके मन में अपने राज्य के हित हैं और वह किसी भी मांग से सरकार नहीं गिराएंगे.
बीपीसीएल और पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से यह आधिकारिक घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा, 'रणनीतिक रूप से देश के पूर्वी तट पर स्थित, हमारे राज्य में महत्वपूर्ण पेट्रोकेमिकल क्षमता है. आज मैंने अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार के नेतृत्व में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. हम 60 से 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश से आंध्र प्रदेश में एक तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की संभावना रखते हैं. मैंने इस परियोजना के लिए एक विस्तृत योजना के साथ एक रिपोर्ट मांगी है, जिसे बिना किसी समस्या के पूरा करने के लिए 5000 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी.'
बिहार की प्रमुख मांगे क्या है ?
बिहार ने 200 अरब रुपये के थर्मल पावर प्लांट के साथ-साथ नौ हवाई अड्डे, चार नई मेट्रो लाइनें और सात मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए धन की मांग की है. 20,000 किमी से अधिक लंबाई की सड़कों की मरम्मत के लिए अलग पैकेज मांगा गया है. इसके अलावा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा भी उठाया गया है. ऐसे में बजट में बिहार को लेकर कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं.