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मोदी सरकार का प्रस्ताव बहुत ज्यादा संदिग्ध और राजनीति से प्रेरित है : वेणुगोपाल

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Dec 20, 2021

लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जो प्रस्ताव पारित किया है, उससे कांग्रेस को दिक्कत है, इसलिए अब पार्टी ने इसका विरोध करने का फैसला लिया है। कांग्रेस को लगता है कि इस फैसले के पीछे की मंशा बेहद संदिग्ध और सियासत से प्रेरित है। मीडिया से बात करते हुए AICC के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, मोदी सरकार का प्रस्ताव और जल्दबाजी में न्यूनतम आयु बढ़ाकर 21 करने की योजना बहुत ज्यादा संदिग्ध और राजनीति से प्रेरित है।

सरकार के इस प्रस्ताव की हो रही कड़ी आलोचना
वेणुगोपाल ने कहा कि, सरकार के इस प्रस्ताव की कई महिला प्रतिनिधियों और संगठनों ने भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे अवैज्ञानिक और अवास्तविक बताते हुए खारिज किया है। वेणुगोपाल ने कहा कि, युवा महिलाएँ विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपने शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कदम चाहती हैं। जाहिर तौर पर, सरकार ने इस प्रस्ताव को लाने से पहले विभिन्न हितधारकों के साथ उचित विचार-विमर्श नहीं किया है। इसलिए, कांग्रेस पार्टी, सरकार द्वारा इस तरह के विधेयक को आगे बढ़ाने की किसी भी कोशिश के खिलाफ है।
 
महिला आरक्षण विधेयक को लाने की कांग्रेस की मांग
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, यदि मोदी सरकार वास्तव में गंभीर है और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, तो इसकी जगह, लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को फ़ौरन लाया जाना चाहिए। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सीटों में महिलाओं के लिए दो-तिहाई सीटों पर आरक्षण प्रदान करना चाहिए। वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार को महिला प्रतिनिधियों और संगठनों समेत विभिन्न हितधारकों के साथ महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के अपने प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा शुरू करनी चाहिए। सियासी मंशा पर बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि ये प्रस्ताव केवल किसानों के मुद्दों, लखीमपुर की घटनाओं, केंद्रीय मंत्री अजय से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। 

लड़कियों की शादी की आयु 21 वर्ष करने का केंद्र सरकार का फैसला 
बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का बड़ा फैसला लिया था और इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव भी पारित किया था। इससे पहले पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान लड़कियों की शादी की आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने संबंधी प्रस्ताव की घोषणा भी की थी। पीएम मोदी ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा था कि, 'सरकार बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य को लेकर शुरू से चिंतित रही है। बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए आवश्यक है कि उनका विवाह सही उम्र में हो।'