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अब अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर सचिन पायलट , तो क्या अब राजस्थान मे कुछ होने वाला है ?

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Apr 9, 2023

पिछली भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार पर अपनी सरकार की निष्क्रियता के विरोध में सचिन पायलट 11 अप्रैल को एक दिन का उपवास करेंगे।

 

राजस्थान में चुनाव से पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन सतह पर आ गई है। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को एक दिन की भूख हड़ताल की घोषणा की ।  पायलट ने कहा कि उन्होंने गहलोत से पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर लगे आरोपों पर कार्रवाई करने की अपील की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा, "हमने वसुंधरा जी की सरकार पर एक साथ उन आरोपों को लगाया। मैंने भी पार्टी की राज्य इकाई के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में कुछ आरोप लगाए। मैं बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करता। लेकिन विपक्ष के रूप में हमारी कुछ विश्वसनीयता थी और इसलिए हम सत्ता में आए। सचिन पायलट ने यह तक कह दिया है की मैंने पिछले साल एक चिट्ठी लिख कर मुख्यमंत्री से कहा था की अब हमें पिछली बीजेपी की सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ ज़रूरी कदम उठाने चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री ने आज तक मुझे मेरी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं दिया है । अब हमें यह जनता को दिखाना होगा की हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है ।
सचिन पायलट के इस अंदाज़ से ये लगभग तय हो गया है की उनके सुर पूरी तरह बगावती हो गए है और उनका सब्र अब टूटता जा रहा है । 
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराव ने अतीत में कांग्रेस को परेशान किया है, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने मतभेदों को खत्म करने की कोशिश भी करी थी।  यह कहा गया था की अशोक गेहलोत और सचिन पायलट दोनों ही पार्टी के लिए बेहद ज़रूरी है । यह पहली बार नहीं है जब पायलट ने पिछली भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए अपनी सरकार की निष्क्रियता का मुद्दा उठाया। इस साल जनवरी में उन्होंने इस मुद्दे को उठाया जब उन्होंने पेपर लीक की बार-बार होने वाली घटनाओं पर सरकार से सवाल किया। अभी अभी तो राहुल गाँधी की लोकसभा से सदस्यता जाने से कांग्रेस पार्टी भारी मुसीबत का सामना कर रही थी और अब सचिन पायलट का बग़ावती रवैया भी पार्टी के लिए मुसीबत बनने की पूरी तैयारी कर चुका है ।