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अब स्पीकर करेंगे विधायकों की अयोग्यता पर फैसला , फिलहाल बची रहेगी शिंदे सरकार 

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May 11, 2023

महाराष्ट्र राजनितिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस ने स्पष्ट कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का फैसला संविधान के मुताबिक नहीं है , उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कोर्ट ने कहा अगर वो इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें राहत मिल सकती थी।  

उद्धव ठाकरे कि याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच जजो की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है की अब 16 विधायकों की अयोग्यता के बारे में स्पीकर ही फैसला लेंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है की उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट के पहले ही इस्तीफा दे दिया था , अगर वो फ्लोर टेस्ट का सामना करते तो कुछ किया जा सकता था । सुप्रीम कोर्ट ने कहा की शिंदे समूह के नेता को पार्टी का मुख्य सचेतक पर नियुक्त करना बिलकुल गलत था , ये फैसला राज्यपाल ने लिया था।  अब पुरे मामले को सात जजों की बेंच को रेफेर कर दिया गया है।  अब सात जजों की बेंच राज्यपाल और स्पीकर की भूमिकाओं पर फैसला लेगी। 

पार्टी के विवाद में राज्यपाल की भूमिका नहीं होनी चाहिए 

अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल को कानून या संविधान द्वारा राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और पार्टी के भीतरी मामलों में भूमिका निभाने की शक्तियां नहीं दी गई हैं ,राज्यपाल के पास ऐसा कुछ नहीं था जो महा विकास अघाड़ी सरकार के विश्वास पर संदेह करती हो और फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाती हो। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई कानून के मुताबिक नहीं थी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उद्धव को राहत नहीं दे सकते क्योंकि उन्होंने ही से इस्तीफा दिया था 

अदालत ने यह भी कहा कि वह उद्धव ठाकरे सरकार की बहाली का आदेश नहीं दे सकती क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था, हालांकि इसके लिए राज्यपाल का फैसला गलत था और एकनाथ शिंदे समूह के व्हिप की नियुक्ति में स्पीकर गलत थे। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे की सरकार के गठन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया क्योंकि ठाकरे ने स्वेच्छा से अपना इस्तीफा सौंप दिया था ।