Jun 20, 2021
साल में 365 दिन होते हैं। हालांकि ये दिन एक जैसे नहीं होते हैं। कभी दिन छोटे तो कभी रात छोटी होती है। कभी रात लंबी तो कभी दिन लंबे होते हैं। इसी तरह 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। खास बात यह है कि इस दिन ऐसा पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है।
21 जून के दिन सूरज बहुत ऊंचाई पर होता है। इस दिन से रात लंबी होने लगती हैं। 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं। इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है। यह प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है।
21 जून को क्यों होता है बड़ा दिन?
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा समय के लिए पड़ती हैं। इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं। जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून को भी बड़ा दिन होता है। 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था। अब ऐसा 2203 में होगा।
किस पल परछाई छोड़ देती है साथ?
जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है, उस वक्त परछाई कुछ पल के लिए साथ छोड़ देती है। इस दौरान घबराना नहीं चाहिए। यह पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है।
सबसे छोटा दिन कब होता है?
21 साल को साल का सबसे लंबा दिन और 23 दिसंबर की रात सबसे लंबी और दिन सबसे छोटा होता है।








