Sep 30, 2021
शिमला के कच्चीघाटी इलाके में बीती गुरुवार शाम भूस्खलन की वजह से सात मंजिला भवन भरभराकर ढह गया। भवन के मलबे से पहाड़ी के निचली तरफ बना दो मंजिला भवन और एक मकान भी मलबे के ढेर में तबदील हो गए। वहीं, आधा दर्जन भवनों पर भी खतरा मंडराने लगा है। हालाँकि, गनीमत ये रही प्रशासन ने गिरने से पहले ही सात मंजिला भवन को खाली करवा लिया था। भवन में रहे आठ परिवारों के लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया था। इसलिए किसी तरह के जान-माल की हानि नहीं हुई।
भवन की नींव से मलबा खिसका
लगभग दो सप्ताह पहले ही भवन की नींव से मलबा खिसकने लगा था। मौके पर पहुँचे नगर निगम उपमहापौर शैलेंद्र चौहान ने बताया कि यह सात मंजिला मकान गुरमीत सिंह का है जो रामबाजार में कारोबारी हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, लगभग दो सप्ताह पहले ही भवन की नींव से मलबा खिसकने लगा था। आसपास के कई और मकानों में भी दरारें देखी गई थीं। भवन को बचाने के लिए कारोबारी ने नींव के पास रिटेनिंग वॉल लगाने का निर्णय लिया है।
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भूस्खलन से ढहा मकान
कुछ दिन पहले ही यह रिटेनिंग वॉल लगाई गई। मगर बुधवार (सितंबर 29, 2021) को इसमें भी दरारें पड़ गईं। इसकी बुनियाद के पास बना एक मकान भूस्खलन से ढह गया। यहाँ बने निगम के शौचालय भी मलबे में बदल गए। सात मंजिला भवन पहले टेढ़ा होकर साथ लगते एक और भवन पर टिक गया। फिर शाम में यह दूसरे भवन की रेलिंग और छज्जे तोड़ते हुए बिखर गया। बता दें कि, कच्चीघाटी का यह इलाका सिंकिंग जोन है। नेशनल हाईवे से लगे इस क्षेत्र में कई बहुमंजिला भवन बने हैं।