Apr 24, 2025
अक्षय तृतीया 2025: ये रहेगा पूजा का सही समय, जानें क्या खरीदना है बेहद खास
अबूझ मुहूर्त... बिना पूछे करें कोई भी शुभ काम
अक्षय तृतीया हिंदू धर्म का ऐसा दिन है जिसे सबसे शुभ माना गया है। इसे अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, यानी किसी भी काम को शुरू करने के लिए पंडित या पंचांग देखने की ज़रूरत नहीं होती। इस साल ये तिथि 30 अप्रैल, बुधवार को पड़ रही है और इसे कई धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों से जोड़कर देखा जाता है।
शुभ मुहूर्त कब से कब तक ?
अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल की शाम 5:31 बजे शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे तक रहेगी। लेकिन चूंकि उदयातिथि का महत्व होता है, इसलिए त्योहार 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।
पूजा के लिए सबसे अच्छा समय रहेगा: सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक।
सोने से लेकर सरसों तक—क्या खरीदना है शुभ?
इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है। लेकिन अगर सोना आपकी लिस्ट में नहीं है, तो मिट्टी या पीतल के बर्तन, पीली सरसों, और चने की दाल जैसी चीजें भी खरीद सकते हैं—ये भी शुभ मानी जाती हैं।
कैसे करें पूजा? जानिए आसान विधि
सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ, preferably पीले कपड़े पहनें।
घर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
चंदन, कुमकुम, फूल, दीपक और भोग की सामग्री तैयार करें।
विष्णु जी को चंदन और लक्ष्मी जी को कुमकुम का तिलक लगाएं।
जौ, गेहूं, गुड़, सत्तू और फल-फूल का भोग अर्पित करें।
पूजा के बाद आरती करें और लक्ष्मी-नारायण कथा जरूर सुनें।
अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराएं या जरूरतमंदों को दान दें।
धार्मिक मान्यता क्या कहती है?
पहले जाने "अक्षय" का अर्थ—"अक्षय" जो कभी भी खत्म न हो। इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता। इसलिए इस दिन दान, जप, पूजा और सेवा का विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि बद्रीनाथ के कपाट भी इसी दिन खुलते हैं और वृंदावन में केवल इसी दिन भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं।