Nov 24, 2025
अयोध्या राम मंदिर: 25 नवंबर को शिखर पर फहराएगा ‘धर्म ध्वज’, मंदिर की पूर्णता का दिव्य संकेत
अयोध्या के भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब एक और ऐतिहासिक पल आने वाला है। 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के पावन अवसर पर मंदिर के सर्वोच्च शिखर पर ‘धर्म ध्वज’ का भव्य आरोहण होगा। यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता, दिव्य ऊर्जा के पूर्ण प्रवाह और भगवान राम की उपस्थिति का प्रतीक माना जा रहा है। करोड़ों भक्तों के लिए यह दिन आस्था का नया उत्सव बनेगा।
मंदिर निर्माण की पूर्णता का शुभ संकेत
वास्तु शास्त्र और सनातन परंपरा में ध्वजारोहण को मंदिर के सक्रिय एवं पूर्ण होने का सबसे बड़ा प्रमाण माना जाता है। जब तक शिखर पर ध्वज नहीं फहराता, मंदिर को पूर्ण रूप से चैतन्य नहीं समझा जाता। राम मंदिर में यह ध्वज सदियों की प्रतीक्षा के सफल समापन का भी प्रतीक होगा।
शिखर पर ध्वज: ब्रह्मांडीय ऊर्जा का सेतु
मंदिर का शिखर वह पवित्र द्वार है जहाँ से ब्रह्मांडीय एवं दिव्य ऊर्जा सबसे पहले प्रवेश करती है। लहराता ध्वज इस ऊर्जा को गर्भगृह में विराजमान रामलला तक पहुँचाता है और पूरे परिसर में सकारात्मक तरंगें फैलाता है। यह ईश्वर और भक्त के बीच अदृश्य कड़ी का काम करता है।
दूर से ही देता है दर्शन का संदेश
शास्त्रों में कहा गया है कि मंदिर का ध्वज दूर खड़े भक्त को भी संकेत देता है कि यहाँ भगवान निवास करते हैं। गरुड़ पुराण एवं रामायण में भी ध्वज-पताका को स्वागत द्वार और देव चिन्ह बताया गया है। लहराता धर्म ध्वज भक्ति भाव को नई ऊँचाई प्रदान करता है।
नकारात्मकता से रक्षा करता है धर्म ध्वज
सनातन मान्यता के अनुसार ध्वज मंदिर का रक्षक होता है। यह बुरी शक्तियों, बाधाओं और अशुभ ऊर्जा से परिसर की सुरक्षा करता है। निरंतर लहराता ध्वज समृद्धि, शांति और शुभता का निरंतर प्रवाह बनाए रखता है।
विवाह पंचमी पर होगा भव्य आयोजन
राम-सीता विवाह की स्मृति में मनाई जाने वाली विवाह पंचमी इस बार और भी विशेष होगी। 25 नवंबर 2025 को सुबह शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म ध्वज शिखर पर फहराया जाएगा। यह दृश्य करोड़ों राम भक्तों के हृदय को आनंद से भर देगा।







