Aug 24, 2022
हिंदू देवी देवताओं पर JNU की वीसी शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित के बयान को लेकर अयोध्या के संतों ने नाराजगी जाहिर की है। संत समाज ने कुलपति के बयान के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। इतना ही नहीं संतों ने सभी हिंदुओं से ये अपील की है कि सभी जिलों में शांति श्री धुलीपुड़ी खिलाफ शिकायत दर्ज हो। संतों ने कहा कि वो इस मामले को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात भी करेंगे। गौरतलब है कि JNU के VC ने ये बयान दिया है कि सभी देवी देवता अनुसूचित जनजाति के हो सकते हैं। इस बयान को लेकर देशभर में पुरजोर विरोध चल रहा है।
हनुमानगढ़ी के संत बेहद नाराज
कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी के आपत्तिजनक बयान को लेकर हनुमानगढ़ी के संत राजू दास ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि,"समाज को व्यवस्थित रखने के लिए वर्ण प्रणाली को लाया गया था, मगर JNU की कुलपति ने भगवान को ही जातियों में बांट दिया। हम इनके बयान की कड़ी निंदा करते हैं और विरोध करते हैं। कुलपति महोदया के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया जाएगा।" हिंदू संगठनों से अपील करते हुए राजू दास ने कहा कि, "ऐसे लोग जो सनातन धर्म पर आक्रमण कर रहे हैं, उन पर हर जिले में FIR होनी चाहिए।"
भगवान जाति-पाति से ऊपर
तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि,"भगवान सभी जातियों से परे हैं। परमात्मा सबके हैं। भगवान के लिए इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनको धर्म का ज्ञान नहीं है। पहले चारों वेदों को पढ़कर उसकी जानकारी हासिल करें।" इसके आगे उन्होंने कहा कि,"अगर कार्रवाई नहीं हुई तो तो जल्द ही संत समाज पीएम मोदी से मिलकर वीसी को JNU से हटाने की बात करेंगे।"
ये है JNU वीसी का बयान
दिल्ली के जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलपुड़ी ने हाल ही में ये बयान दिया था कि, हिंदू देवी देवता ऊंची जाति के नहीं हैं। भगवान शिव भी शूद्र हो सकते हैं। ये बयान उन्होंने सोमवार को ‘डॉ बी आर अंबेडकर के विचार जेंडर जस्टिस: द यूनिफॉर्म सिविल कोड’ में स्पीच देते हुए दिया। उन्होंने ये भी कहा कि मनुस्मृति में महिलाओं को शूद्र का दर्जा दिया गया है। इन बयानों को लेकर देशभर में माहौल गर्माया हुआ है। लोग इस बयान की निंदा कर रहे हैं और इसका कड़ा विरोध चल रहा है।